पिछले कुछ दिनों से राजकुमार राव और भूमी पेडनेकर की फिल्म बधाई दो का ट्रेलर खूब सुर्खियों में है. सोशल मीडिया पर फिल्म की कहानी काफी चर्चा में है. दरअसल इस फिल्म का कॉन्सेप्ट लैवेंडर मैरिज पर आधारित है. लव मैरिज, अरेंज मैरिज और यहां तक की Homo Sexual Marriage यानि समलैंगिक विवाह के बारे में तो हम सबने सुना होगा लेकिन ये लैवेंडर मैरिज क्या है... आज नो दिस के इस वीडियो में हम आपको इस लैवेंडर मैरिज के बारे में सब कुछ बताएंगे. आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
लैवेंडर मैरिज यानी दो अलग सेक्शुअल ओरिएंटेशन के लोगों की शादी. हम सभी जानते हैं कि अब भी इंडियन सोसाइटी में गे और लेस्बियन मैरिज को स्टिग्मा की तरह देखा जाता है. ऐसे में समाज और परिवार के प्रेशर से बचने के लिए इस तरह की मिश्रित शादी की जाती है. आसान भाषा में समझे तो जब सोसाइटल प्रेशर के चलते गे लड़का और लेस्बियन लड़की आपस में शादी कर लेते हैं तो उसे लैवेंडर मैरिज कहा जाता है.
फिल्म के ट्रेलर में दो मेन केरेक्टर दिखाए गए हैं - शार्दुल ठाकुर जो प्ले किया है राजकुमार राव ने.... शार्दुल एक पुलिस वाला है. वहीं सुमन जिसका किरदार निभाया है भूमी पेडनेकर, ने वो एक पीटी टीचर है. शार्दुल सुमन से शादी करना चाहता है लेकिन सुमन की दिलचस्पी लड़कियों में हैं... वो लेस्बियन है. वहीं शार्दुल भी समलैंगिक है. यानि दोनों ही किरदार होमो सेक्सुअल हैं. वो एक दूसरे से प्यार नहीं करते लेकिन घरवालों और सोसाइटी के प्रेशर के चलते एक दूसरे से शादी करना चाहते हैं. इसी को लैवेंडर मैरिज कहते हैं.
इससे पहले भी शुभ मंगल ज़्यादा सावधान, एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा, चंडीगढ़ करे आशिकी जैसी मेनस्ट्रीम फिल्मों में समलैंगिकता पर बात हो चुकी है. बधाई दो फिल्म में भी गे और लेस्बियन रिलेशनशिप को एक्सप्लोर करने की कोशिश दिख रही है.
बता दें 1920 के दशक में हॉलीवुड स्टार्स के बीच लैवेंडर मैरिज काफी चर्चा में रही. कुछ करीबी स्टार्स ने आपस में ऐसी शादियां की. इसके पीछे वजह थी कि वह अपनी सार्वजनिक छवि को बचाना चाहते थे क्योंकि उस दौर में समलैंगिक शादियों को लेकर समाज में अच्छा माहौल नहीं था.
हेल्थ और वेलनेस एक्सपर्ट्स के मुताबिक 'लैवेंडर मैरिज' शब्द 100 साल से भी ज्यादा पुराना है. कहा जा सकता है कि इस तरह की शादी दो लोग समाज में अपनी सुविधा के लिए करते हैं. लैवेंडर मैरिज एक ऐसा ऑप्शन है जिसमें कोई व्यक्ति खुद की पहचान बनाए रखकर समाज से अपनी परसर्नल लाइफ को छिपा कर रख सकता है. कई लोगों को अपने ही परिवार से सामाजिक दबाव के चलते अपनी sexual preferences को छिपाना पड़ता है. लैवेंडर मैरिज जैसे टॉपिक के बारे में जागरूकता फैलाने से जाहिर तौर पर इस तरह की समस्याओं का हल निकलेगा.