राजकुमार राव और कृति सेनन की फिल्म हम दो हमारे दो ओटीटी प्लेटफॉर्म हॉटस्टार पर रिलीज हो चुकी है. ट्रेलर देखने के बाद फैंस बेसब्री से इस फिल्म का इंतजार कर रहे थे. तो आज हम इस वीडियो में हम आपके लिए लेकर आए हैं फिल्म का रिव्यू और कहानी. मैं हूं ज्योति जोशी. आप देख रहे हैं ने दिस.
फेस्टिव सीजन में रिलीज हुई director अभिषेक जैन की यह फिल्म एक फैमिली एंटरटेनर है. फिल्म को जितने अच्छे से लिखा गया है उतनी ही अच्छे से इसे फिल्माया गया है. बर्फी में स्क्रिन शेयर करने के बाद कृति और राजकुमार राव की दूसरी फिल्म है और इसमें भी दोनों की शानदार केमिस्ट्री देखने को मिली है. साथ ही फिल्म में फील गुड फैक्टर भी है. फैमिली का हर मेंबर इस मूवी को इंजॉय करेगा. चाहे गाने हो या बैंकग्राउंड म्यूजिक दोनों ही कहानी में परफैक्टली फिट होते हैं. फिल्म में ड्रामा है एक्शन है, स्यापा है और कॉमेडी तो भरपूर है.
बात करें केरेक्टर्स की तो lead role में हैं राजकुमार राव जो प्ल कर रहे हैं ध्रुव का किरदार. ध्रुव अनाथ है और अपनी एक कंपनी स्टार्ट करने की तौयारी में हैं. इस दौरान उसकी मुलाकात होती है आन्या से. ये रोल प्ले किया है कृति सेनन ने. इसके अलावा परेश रावल ने प्ले किया है पुरुषोत्तम मिश्रा का किरदार जो अपने अधूरे प्यार के इंतजार में है. और ये अधूरा प्यार दीप्ति कश्यप. ये रोल प्ले किया है रत्ना पाठक शाह. इसके अलावा ध्रुव के दोस्त बने हैं अपारशक्ति खुराना. और फिल्म की जब कास्ट ऐसी हो तो जबरदस्त ड्रामे की और कॉमेडी का तड़का तो जरूर लगेगा.
तो ध्रुव और आन्या को एक दूसरे से प्यार हो जाता है. लेकिन आन्या को अपने लिए ऐसा पार्टनर चाहिए जिसकी पूरी फैमिली हो. ऐसा इसलिए क्योंकि आन्या के मां-बाप बचपन में ही गुजर जाते हैं और उसकी परवरिश उसके चाचा-चाची करते हैं. लेकिन ध्रुव तो अनाथ है... उसका तो परिवार है ही नहीं. ना मां-बाप का पता, ना रिश्तेदारों का ठिकाना. ऐसे में वो आन्या के साथ रहने के लिए और उससे शादी करने के लिए नकली मां बाप को गोद ले लेता है. ध्रुव के माता पिता बनते हैं पुरुषोत्तम और दीप्ति. सालों पुराने बिछड़े प्रेमी जो अब भी एक दूसरे के इंतजार में हैं. रिश्ता बचाने के लिए नकली मां बाप ढूंढने का सिलसिला काफी मस्ती भरा और इंजॉएबल है. और कहानी में जब लगता है कि हां अब सबकुछ सही हो जाएगा तो ध्रुव की सच्चाई सामने आ जाती है. तो क्या ध्रुव और आन्या की शादी हो पाएगी. पुरुषोत्तम का अधूरा प्यार पूरा होगा. ये जानने के लिए आपको देखनी होगी पूरी फिल्म.
सभी किरदारों ने बखूबी अपने रोल निभाए है और सपोर्टिंग एक्टर्स ने भी कहानी में जान डालने का काम किया है. मुश्किल सिचुएशन में फंसे राजकुमार राव और ऊपर से परेश रावल की हरकतें आपको हंसने पर मजबूर कर देती हैं. कई मोमेंट पर लगता है कि कहानी का प्रेजेंटेशन इतना खास नहीं है लेकिन फिल्म में एक्टर्स की शानदार एक्टिंग ने इस कमी को पूरा कर दिया है. तो इस फेस्टिव सीजन पर आप अपनी फैमिली के साथ ये फिल्म इंजॉय कर सकते हैं. और अगर आपने फिल्म देख ली है तो कॉमेंट मसेक्शन में लिखकर बताएं कि ये आपको कैसी लगी.