अंतरिक्ष की दुनिया में चीन एक और नया प्रयोग करने जा रहा है, अगर ये प्रयोग सफल रहा तो चीन दुनिया का ऐसा पहला देश होगा जो अंतरिक्ष में बिजली उत्पादन करेगा और धरती पर भेजेगा. ये सब कैसे मुमकिन होगा ये आगे बताएंगे लेकिन उससे पहले ये जान लेना जरूरी है कि चीन आखिर ऐसी योजना क्यों बना रहा है?
दरअसल चीन 2060 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन वाला देश बनने का ऐलान कर चुका है. इसी कवायद में चीन अक्षय ऊर्जा का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने की योजना पर काम कर रहा है. चाइना एकेडमी ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिक पांग झाओ के मुताबिक चीन का प्लान धरती से 36 हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर सोलर पैनल स्थापित करने का है. अगर चीन का ये प्रोजेक्ट सफल होता है तो 2050 तक चीन इतनी बिजली बना लेगा, जितनी ब्रिटेन साल भर में उत्पादित करता है.
अब सवाल है कि चीन ये सब करेगा कैसे?
तो आपको बता दें चीन अंतरिक्ष में सोलर पैनल प्रोजेक्ट लगाने की योजना का ऐलान कर चुका है. 2028 तक धरती से 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित अपने अंतरिक्ष स्टेशन पर सोलर पैनल लगाएगा. ये पैनल सोलर एनर्जी को माइक्रोवेव या लेजर में बदलकर धरती पर भेजेंगे. इन लेजर्स या माइक्रोवेव को धरती पर मौजूद ट्रांसमीटर रिसीव करेंगे. फिर इन्हें इलेक्ट्रिक पावर में कन्वर्ट करके तमाम ग्रिड तक पहुंचाएंगे. इसके बाद इस बिजली को घरों और कारखानों तक पहुंचाया जाएगा.
दूसरा सवाल उठता है आखिर चीन ने ऐसी योजना क्यों बनाई?
तो आपको बता दें धरती के एक हिस्से में सूर्य करीब 12 घंटे तक ही चमकता है, लेकिन अंतरिक्ष में सूर्य हमेशा चमकता रहता है. ऐसे में अंतरिक्ष में मौजूद सोलर पैनल से 24 घंटे ऊर्जा मिलती रहेगी यानि चीन दूसरे संसाधनों जैसे कोल, हाइड्रो और न्यूक्लियर पावर प्लांट पर ऊर्जा जरूरतों के लिए निर्भरता घट जाएगी.
चीन के अलावा ब्रिटेन और अमेरिका भी अंतरिक्ष में सोलर प्लांट के जरिए बिजली उत्पादन की योजना पर काम कर रहे हैं. ब्रिटेन ने भी 2035 तक स्पेस में सोलर प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई है. इसके लिए ब्रिटेन 1600 बिलियन पाउंड की राशि खर्च करेगा. इसमें कई यूरोपीय देश भी उसका साथ देंगे.
चीन के मुताबिक ये प्रोजेक्ट 2050 तक पूरा कर लिया जाएगा. 2030 में पहले टेस्ट लॉन्च के बाद 36 हजार किलोमीटर की भू-समकालिक कक्षा में चीन एक और शक्तिशाली प्लांट लगाएगा. कुल मिलाकर 2050 तक चीन की योजना अंतरिक्ष से 2 गीगावाट बिजली उत्पादन करने की है.