कौन हैं अहमदुल्ला शाह फैजाबादी?
अहमदुल्ला शाह फैजाबादी स्वतंत्रता आंदोलन के क्रांतिकारी थे. 1857 के गदर में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ उन्होंने ऐसा कहर बरपाया कि उनके सिर के ऊपर इनाम रख दिया गया. ब्रिटिश सेना में उनके खौफ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी मौत के बाद उनका सिर और धड़ अलग-अलग जगह दफनाया गया था. अंग्रेजों को डर था कि लोग कहीं उनकी कब्र पर मकबरा ना बना दें. आजादी के आंदोलन में उनके सहयोग और हिम्मत के लिए उन्हें 'लाइट हाउस आफ इंडिपेंडेंस' की उपाधि से भी नवाजा गया.
धोखे से हुई थी मौलवी की हत्या
मौलवी अहमदुल्लाह शाह फैजाबादी के हौसले इतने बुलंद थे कि ब्रिटिश हुकूमत उनका बाल भी बांका नहीं कर पाई. ये भी कहा जाता है कि उनमें कोई जादुई या ईश्वरीय शक्ति थी, जिसके कारण अंग्रेज उन्हें पकड़ ही नहीं सकते थे. उन्हें मारने के लिए अंग्रेजों ने धोखे का सहारा लिया. अंग्रेजों ने उनको पकड़ने के लिए 50 हज़ार चांदी के सिक्कों के इनाम की घोषणा कर दी.