लोगों को लगता है कि ओबामा के आख़िरी दिन ऐश के थे. आराम से वो अपनी बीवी और बच्चों के साथ एबोटाबाद में रहता था. उसके भाई उसका ध्यान रखते थे और अल क़ायदा के रोज़ाना के काम से उसका कोइ लेना देना नहीं था लेकिन ऐसा नहीं था. ओबामा के घर से मिली डिजिटल फाइल्स के ज़रिये हुए खुलासे से पता चलता है कि वो आख़िरी दिनों तक अल क़ायदा को चला रहा था.
उसका एबोटाबाद में रहना मुश्किल होता जा रहा था और वो अपने भाइयों से कह चुका था कि वो अब उन पर बोझ नहीं बनेगा और जल्दी ही घर बदल डालेगा. उसके ज़िंदगी के आख़िरी दिन इन तमाम उलझनों से भरे थे. उसके भाई उसके लिए सब कुछ करते रहे लेकिन बाद में रिश्ता इतना ख़राब हो गया कि 2011 जनवरी 15 को ओसामा को अपने भाइयों को खत लिख कर कहना पड़ा कि वो जल्दी हे नया ठिकाना ढूंड लेगा और ये तब जब वो साथ ही रहते थे. यानी उसकी अपने भाइयों से ही बातचीत बंद हो चुकी थी.