नीरज चोपड़ा हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गांव से हैं. उनके पिता सतीश कुमार एक किसान हैं..नीरज की शुरूआती पढ़ाई की बात करें तो उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा चंडीगढ़ से पूरी की. यहीं उन्होंने बीबीए कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी.. नीरज को पढ़ाई के साथ अपने पिता और चाचा के साथ खेत पर जाकर काम करना बहुत पसंद था.
दरअसल बात कुछ ऐसी थी कि नीरज बचपन में बहुत मोटे थे इसलिए गांव के दूसरे बच्चे उनका बहुत मजाक उड़ाया करते थे.. मजाक इतना, कि उनके घर वाले
भी उनके बढ़ते वजन से परेशान होने लगे थे. जिसके बाद परिवार ने नीरज को जिम भेजने का फैसला किया..ऐसा कुछ दिन तो चला लेकिन किन्ही कारणों के चलते
नीरज का जिम जाना बंद हो गया..घरवाले फिर परेशान हुए तो उन्होंने नीरज को फिट रखने के लिए स्टेडियम भेजने का फैसला किया. यहां उनकी मुलाकात कुछ एथलीट्स से हुई. बस फिर क्या था? उनका प्रभाव नीरज पर ऐसा पड़ा कि उन्होंने एथलीट बनने का फैसला कर लिया..नीरज के सामने खेल चूज करने को लेकर बहुत कंफ्यूजन था, ऐसे में प्लान बना कि सब ट्राई करके फिर बेस्ट चुनेंगे. तमाम ट्रायल्स के बाद नंबर आया भाला फेंकने का... नीरज के लिए ये खेल बहुत अलग और शानदार था.. बस, नीरज ने भाला उठाया और फेंक दिया... उनका भाला इतनी दूर जा गिरा कि वहां मौजूद सारे लोग दंग रह गए. और बस यहीं से नीरज का करियर तय हो गया....अगले ही साल नीरज ने स्टेट लेवल जूनियर चैंपियनशिप और फिर जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल्स जीत लिए.