आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए NDA ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है। मंगलवार को बीजेपी मुख्यालय में हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में ये फैसला लिया गया। खास बात ये है कि द्रौपदी मुर्मू को उनके 64वें जन्मदिन के ठीक अगले दिन ये तोहफा मिला है। निर्वाचित होने पर, 64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू भारत की राष्ट्रपति बनने वाली पहली आदिवासी महिला होंगी… और प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के बाद दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी।
अब बात करें द्रौपदी मुर्मू की तो इनका जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ था।इनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू है और ये आदिवासी समूह संथाल से ताल्लुक रखती हैं। द्रौपदी मुर्मू ने एक शिक्षक के रूप में अपना करियर की शुरुआत की थी और फिर ओडिशा की राजनीति में प्रवेश किया। कुशल राजनीतिज्ञ होने के अलावा वो अनुसूचित जनजाति समुदाय से आती हैं। ओडिशा के आदिवासी परिवार में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू झारखंड की नौवीं राज्यपाल बनी थीं। वो 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं। झारखंड के गठन के बाद वो पहली राज्यपाल हैं जिसने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया है।
द्रौपदी मुर्मू का राजनीतिक जीवन 1997 में शुरू हुआ। जब उन्होंने पार्षद का चुनाव जीता इसी साल उन्हें बीजेपी एसटी मोर्चा का राज्य उपाध्यक्ष भी चुना गया। इसके बाद उनका राजनीतिक जीवन बुलंदियों की ओर बढ़ता गया। साल 2000 और 2009 में दो बार ओडिशा की मयूरभंज विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में पार्टी के भीतर कई प्रमुख पदों पर काम किया है। ओडिशा में BJP और BJD यानि बीजू जनता दल के गठबंधन वाली सरकार के दौरान 6 मार्च, 2000 से 6 अगस्त, 2002 तक वाणिज्य एवं परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहीं। इसके अलावा 6 अगस्त, 2002 से 16 मई 2004 तक मत्स्य पालन एवं पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री थीं।
अब सवाल उठता है बीजेपी ने आखिर द्रौपदी मुर्मू को ही राष्ट्रपति पद के लिए नामित क्यों किया? तो बता दें द्रौपदी मुर्मू को अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाकर बीजेपी एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश कर रही है। बीजेपी आदिवासियों पर ध्यान केंद्रित कर रही है क्योंकि गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन राज्यों में आदिवासियों की अच्छी खासी संख्या है। इसलिए आदिवासी मतदाता बीजेपी के लिए काफी अहम हो जाते हैं। इसके साथ ही, 64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू महिला मतदाताओं को आकर्षित करने में भी पार्टी की मदद कर सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक द्रौपदी मुर्मू 25 जून को नामांकन दाखिल कर सकती हैं। अगर द्रौपदी मुर्मू जीत जाती हैं तो दूसरी बार एक महिला देश के सर्वोच्च पद पर बैठेगी।