इंदिरा गांधी के काल में जब इमरजेंसी लगी थी तब देव आंनद पर भी बैन लगाया गया था.दरअसल हुआ यूं कि देव आनंद के कांग्रेस के कार्यक्रम में शामिल न होने से नाराज होकर ही उन पर भी हुकूमत ने बैन लगा दिया...देवानंद इस बात से बहुत नाराज़ हुए और गुस्से में आकर इंदिरा गांधी को मज़ा चखाने के लिए इमरजेंसी के विरोध में अपनी एक राजनीतिक पार्टी बना ली
देव आनंद के सहयोगी रहे मोहन चुरीवाला ने एक बार एक इंटरव्यू में बताया था कि देव साहब दरअसल, इंदिरा गांधी के इमरजेंसी लगाने से खफा थे और उसी समय उन्हें एक राजनीतिक कार्यक्रम में कांग्रेस ने बुलाया लेकिन..नाराज़ देवानंद ने कार्यक्रम में आने से मना कर दिया.
इसका नतीजा ये हुआ कि देव आनंद की फ़िल्मों और गानों पर बैन लगा दिया गया.. दूरदर्शन और विविध भारती में देव साहब के गाने और फिल्में बैन हो गईं...देवानंद ने उस समय के सूचना और प्रसारण मंत्री विद्या चरण शुक्ल से मुलाकात की और कहा कि वो लोकतंत्र में रहते हैं और क्या उन्हें अपने मन के मुताबिक चलने का कोई हक़ नहीं है?..विद्या चरण शुक्ल ने देवानंद से तो कुछ नहीं कहा मगर इस गुस्से का असर ये हुआ कि देव साहब के दिल्ली से बंबई पहुंचने से पहले ही उन पर लगा बैन हटा लिया गया.