साल 1962 में एक रोज़ लता दी बहुत बीमार पड़ीं...हालत इतनी ख़राब हो गई कि सेहत सुधरने में महीनों लग गए..
लता मंगेशकर ने इस बात का खुलासा लंदन आधारित लेखक नसरीन मुन्नी कबीर को दिए इंटरव्यू में एक बार किया था...तब लता मंगेशकर ने इंटरव्यू में बताया था, “1962 में मैं करीब तीन महीनों के लिए बीमार पड़ गई थी। मुझे लगा था कि मैं दोबारा कभी भी गाना नहीं गा पाऊंगी .एक दिन मैं उठी तो मुझे पेट में तकलीफ हुई, उसके बाद ही मुझे हरे रंग की उल्टियां होनी शुरू हो गई थीं”लता मंगेशकर ने इंटरव्यू में आगे बताया था कि तबीयत खराब होने के बाद डॉक्टर को ख़बर की गई, तब डॉक्टर घर आए तो साथ में एक्सरे मशीन भी लेकर आए थे..क्योंकि तब मेरे लिए चलना भी मुश्किल हो रहा था.डॉक्टर ने मेरी जांच की और बताया कि मुझे ज़हर दिया गया हैलता मंगेशकर ने इस घटना को याद करते हुए कहा कि तब हमारे घर में एक नौकर काम करता था, खाना भी बनाता था..मेरी बहन उषा तुरंत भागकर किचन में गई और उस रसोइए से कहा कि अब खाना वो बनाएगी. लता ने कहा कि हमने नौकर से कुछ नहीं कहा.किसी ने कुछ नहीं पूछा