किस्सा उस दौर का है जब नरगिस के साथ राज कपूर का रिश्ता हर तरह से खत्म हो गया था..वक्त धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था और नरगिस के जाने से जो जगह राज कपूर के दिल में खाली हो गई थी उसे उसी दौर की दूसरी मशहूर एक्ट्रेस वैयजयंतीमाला ने भर दिया था...लेकिन सबसे पहले बात करते हैं राज कपूर और नरगिस की…60 के दशक में बॉलीवुड गलियारों में राज कपूर और नरगिस की प्रेम कहानी के खूब चर्चे हुआ करते थे..कहते हैं उस दौर में नरगिस, राज कपूर की हर बात माना करती थीं. अगर राज कपूर उन्हें किसी फिल्म या एक्टर के साथ काम करने से मना करते थे, तो उनकी बात मानकर वो इनकार भी कर देती थीं...ऐसी कई बड़े बजट की फिल्में थीं जिन्हें वो राज कपूर के कहने पर मना कर चुकी थीं..
लेकिन जब नरगिस से राज कपूर का रिश्ता टूटा तो वो खुद को संभाल नहीं पाए....टीजीएस जॉर्ज अपनी किताब The Life and Times of Nargis में लिखते हैं कि जब 1958 में नरगिस ने सुनील दत्त से शादी की तो राज कपूर खुद को सिगरेट से जलाया करते थे. ऐसा कर वो ये देखते थे कि कहीं वो सपना तो नहीं देख रहे कि अब नरगिस उनकी जिंदगी में नहीं हैं....
दरअसल, शादीशुदा और बच्चों वाले राज कपूर, अक्सर नरगिस से शादी का वादा किया करते थे. जब नरगिस को लगा कि राज कपूर उनसे शादी नहीं करेंगे तो उन्होंने उनसे रिश्ता तोड़ दिया और सुनील दत्त से शादी कर ली...कहते हैं कि पहले राज कपूर इतनी शराब नहीं पीते थे जितने नरगिस से रिश्ता टूटने के बाद उन्हें शराब की लत लगी थी..