साल 1954 में एक फिल्म आई ‘मिर्ज़ा गालिब’.फिल्म में मोती बेगम के किरदार में सुरैया थीं, तकरीबन 5 गज़लों को फिल्म में सुरैया ने अपनी आवाज़ भी दी थी. एक रोज़ किसी कार्यक्रम में पंडित नेहरू की जब सुरैया से मुलाकात हुई तो तत्तकालीन प्रधानमंत्री ने सुरैया से कहा कि आपने गालिब की रूह को जिंदा कर दिया. सुरैया के प्रशंसकों में एक बड़ा नाम पंडित जवाहर लाल नेहरू का भी था.सुरैया, जिनकी आवाज़ का जादू 40 और 50 के दशक में सुनने वालों को मंत्रमुग्ध कर देता था, जिनकी अदाकारी सम्मोहित कर देती थी..हर पीढ़ी ने सुरैया को हाथों हाथ लिया था.भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को भी सुरैया की फिल्में देखना बहुत पसंद था. इसका खुलासा पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एक कार्यक्रम के दौरान खुद सुरैया के सामने किया था. दरअसल, पंडित जवाहरलाल नेहरू को राजनीति के अलावा फिल्मों में भी रुचि थी.1954 में सुरैया की फिल्म ‘मिर्जा गालिब’ रिलीज हुई थी. ये फिल्म मशहूर शायर मिर्जा गालिब की जिंदगी पर आधारित थी, जिसे सोहराब मोदी ने डायरेक्ट किया था. इस फिल्म में सुरैया ने मोती बेगम का किरदार निभाया और दिग्गज अभिनेता भारत भूषण मिर्जा गालिब की भूमिका में थे. इस फिल्म में पंडित जवाहरलाल नेहरू को सुरैया की एक्टिंग खूब भायी. उस समय वो देश के प्रधानमंत्री थे