आज कहानी अभिनेता राज किरण की, 80 के दशक में लगभग हर डायरेक्टर राज किरण को अपनी फिल्म में लेना चाहता था..लेकिन इस फिल्मी दुनिया में आना जितना मुश्किल है, टिके रहना उससे भी ज्यादा कठिन है..न जाने ऐसे कितने नामचीन सितारे हैं जिन्होंने कुछ फिल्में करने के बाद इस मायावी दुनिया को अलविदा कह दिया..राज किरण इन्हीं कलाकारों में से एक हैं..जिनके बारे में पूरे दावे के साथ कोई कुछ नहीं कह सकता..किसी को नहीं मालूम कि आज राज किरण जिंदा भी हैं या नहीं..राज किरण के बारे में कहा जाता है कि पत्नी से तलाक के बाद वो अमेरिका चले गए जहां दिमागी तौर पर पागल करार दिए जाने के बाद दस साल पागलखाने में रहे..हालांकि कुछ लोग उनकी गुमशुदगी का भी दावा करते हैं..अभिनेत्री दीप्ति नवल ने उन्हें अमेरिका में टैक्सी चलाते हुए देखने का भी एक बार दावा किया था..लेकिन अब वो कहां हैं, किस हाल में हैं..जिंदा भी हैं या नहीं कोई नहीं जानता...
19 जून साल 1949 को मुंबई में जन्में राज किरण ने फिल्म अर्थ, कर्ज़, घर हो तो ऐसा जैसी फिल्मों से खुद को इंडस्ट्री में न सिर्फ स्थापित किया बल्कि अपनी एक अलग पहचान भी बनाई..साल 1975 में आई फिल्म ‘कागज की नाव’ से राज किरण ने बॉलीवुड में डेब्यू किया था..इस फिल्म में राज के साथ सारिका भी थीं..फिल्म पसंद की गई और राज किरण के करियर की गाड़ी चल पड़ी..इसके बाद फिर एक बाद एक तकरीबन 120 फिल्में करने के बाद राज किरण का करियर अचानक से रुक गया..90 का दशक नई चुनौतियों और एक्सपेरिमेंट का दौर था..राज किरण बदलते दौर के साथ खुद को ढाल नहीं पा रहे थे, दूसरी तरफ निजी जीवन में भी तवान बढ़ने लगा था..पत्नी क्षितिजा ने तलाक ले लिया और बेटी रिशिका को लेकर अलग रहने लगीं..फिल्मों में काम मिलना बंद हुआ तो बदलते दौर के साथ राज किरण ने छोटे पर्दे का रुख किया मगर यहां भी उनका काम नहीं बना...और फिर वो पूरी तरह से इंडस्ट्री से गायब हो गए..इस बीच कई बार उनकी मौत की ख़बरें भी सामने आईं...लेकिन पूरे विश्वास के साथ कुछ भी नहीं कहा जा सका..एक बार दीप्ति नवल ने फेसबुक पोस्ट कर लिखा था – “फिल्मी दुनिया से जुड़े मेरे एक पुराने दोस्त जिनका नाम राज किरण हैं, वो नहीं मिल रहे हैं. उनकी मुझे तलाश है”