गिरीश कर्नाड को अगर केवल एक अभिनेता के तौर पर देखने को कहा जाए, तो ये गलत होगा. गिरीश कर्नाड अभिनेता से कहीं ज्यादा थे. उनका डाउन टू अर्थ बिहेवियर उन्हें दूसरी हस्तियों से हमेशा अलग बनाता रहा. एक्टर, डायरेक्टर से लेकर गिरीश कर्नाड प्रशासनिक सेवाएं तक दे चुके थे. थिएटर को दिए उनके योगदान को तो भुला पाना नामुमकिन ही है...‘मालगुडी डेज’ शो के श्रीनिवासन से लेकर ‘टाइगर जिंदा है’ फिल्म के रॉ चीफ डॉ. शेनॉय तक, उन्होंने हर किरदार को बखूबी जिया. उनका दायरा केवल हिंदी सिनेमा तक ही सीमित नहीं रहा. वो साउथ फिल्म इंडस्ट्री का भी एक जाना माना नाम थे. फिल्मों से हटकर अगर नाटकों की बात जाए, तो उनका पहला नाटक ‘ययाति’ को काफी सराहना मिली. इसके बा
द तो उनका हौंसला बढ़ गया. फिर उन्होंने ‘तुगलक’, ‘हयवदन’, ‘तेल डंडा’ और ‘नगरमंडला’ जैसे कई नाटक लिख डाले...लेकिन आज जो किस्सा हम आपको सुनाने वाले हैं वो फिल्म निशांत का है...
फिल्म में एक सीन था, जिसमें गिरीश कर्नाड और शबाना आजमी किचन में खड़े हैं. एक दूसरे से बात कर रहे हैं. गिरीश और शबाना ने इस फिल्म में पति-पत्नी का किरदार निभाया है. श्याम बेनेगल कैमरे के पीछे से इस सीन को शूट कर रहे थे.