60-70 का दौर राजेश खन्ना के स्टारडम का दशक था..उन दिनों राजेश खन्ना बैक टू बैक हिट फिल्में देकर तमाम फिल्म प्रोड्यूसर की पहली पसंद बन गए थे..उनके घर के बाहर डायरेक्टर प्रोड्यूसर की लाइन लगा करती थी...लगातार 15 हिट फिल्में देकर राजेश खन्ना स्टारडम के शिखर पर पहुंच गए थे..वाकई जो स्टारडम राजेश खन्ना ने देखा वो किसी और को नसीब नहीं हुआ..लेकिन उन्हीं दिनों राजेश खन्ना एक और खास बात के लिए मशहूर हो गए थे..और वो थी उनकी लेट-लतीफी..काका इस लेटलीतीफी की आदत का किस्सा उनकी कई फिल्मों में को-स्टार रहीं जया प्रदा ने बताया था..जया प्रदा ने एक इंटरव्यू में बताया कि राजेश खन्ना की शूटिंग शिफ्ट अगर सुबह 8 बजे की होती थी तो वो शाम को 8 बजे आते थे और एक घंटे में निकल जाते थे..तब तक उनके इंतजार में पूरी यूनिट परेशान रहती..यहां तक हम जैसे बाकी को-स्टार्स को भी काका की इस आदत की वजह से परेशानी उठानी पड़ती थी...जया ने आगे कहा – अब मैं तो साउथ इंडस्ट्री से आई थी तो वहां सुबह 7 बजे की शिफ्ट हुआ करती थी, मुंबई में शिफ्ट 9 बजे से शुरू होती थी..उन दिनों मैं एक फिल्म में काका की को-स्टार थी, मैं सुबह से मेकअप कर के बैठी रहती थी और वो रात के 8 बजे तक आते..लेकिन आने के बाद भी तुरंत शूटिंग शुरू नहीं होती थी..वो पहले आराम से वड़ा पाव खाते..फिर एक शॉट देते और पैकअप..
राजेश खन्ना की लेटलतीफी से जुड़ा एक किस्सा साल 1971 में आई फिल्म ‘हाथी मेरे साथी’ के सेट का भी है..जब राजेश खन्ना को सबक सिखाने के लिए डायरेक्टर ने एक बच्चे की पिटाई कर दी..दरअसल हुआ यूं कि काका तनूजा के साथ फिल्म हाथी मेरे साथी की शूटिंग कर रहे थे, डायरेक्टर थे चिन्नपा देवर..शूटिंग में रोज़ की तरह आदतन राजेश खन्ना लेट ही आते थे, राजेश खन्ना की इस लेट लतीफी से पहली बार हिन्दी फिल्म बना रहे चिन्नपा देवर परेशान हो गए थे..तब उन्होंने काका को सबक सिखाने के लिए एक बच्चे की मदद ली.