दिल्ली की जहांगीरपुरी में हुई हिंसा पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस ने 5 आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया है... राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को इंग्लिश में नेशनल सेक्योरिटी एक्ट भी कहा जाता है... तो आज के KNOW THIS VIDEO में हम जानेंगे कि रासुका क्या है, ये कब लागू किया गया था.. किन हालातों में इस कानून का इस्तेमाल किया जाता है...इसके अलावा पुलिस किन व्यक्तियों को गिरफ्तार कर सकती है? बस आप बने रहिये हमारे साथ और देखते रहिए KNOW THIS..
आजादी के बाद 1980 में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने NSA यानि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून बनाया.
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) क्या है और ये कब लगाया जाता है?
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम का उपयोग केंद्र तथा राज्य सरकारों द्वारा निवारक निरोध उपायों के रूप में किया जाता है। निवारक निरोध यानि प्रिवेंटिव डिटेंशन..
प्रिवेंटिव डिटेंशन यानि निवारक निरोध का जिक्र हमारे संविधान के अनुच्छेद-22 में किया गया है... प्रिवेंटिव डिटेंशन राज्य के अधीन एक सांविधिक शक्ति है, जिसके तहत राज्य किसी व्यक्ति को कोई संभावित अपराध करने से रोकने के लिये हिरासत में ले सकता है। ये 'गिरफ्तारी’ (Arrest) से अलग होता है। गिरफ्तारी तब की जाती है जब किसी व्यक्ति पर अपराध का आरोप लगाया जाता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने का अधिकार केंद्र और राज्य सरकार दोनों के पास है... सरकार इसे अपनी सांविधिक शक्ति का इस्तेमाल करते हुए उपयोग करती है...
NSA का उपयोग कब और किन हालातों में किया जाता है?
NSA किसी व्यक्ति को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा उत्पन्न करने से रोकने हेतु केंद्र या राज्य सरकार को व्यक्ति को हिरासत में लेने का अधिकार देता है। इसके अलावा आवश्यक वस्तु की आपूर्ति एवं सेवाओं के रखरखाव और सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने वाले पर भी NSA के तहत कार्यवाही की जा सकती है...पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने वाले शख्स पर भी NSA लगाया जा सकता है.. क्योंकि संविधान ये कहता है कि सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना हर नागरिक का दायित्व है.
NSA लगाने का अधिकार किसको?
NSA का इस्तेमाल जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर के साथ-साथ राज्य सरकारें भी अपने सीमित दायरे में कर सकती हैं.
कब तक हिरासत में रखा जा सकता है?
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून 1980 की धारा (13) के तहत किसी व्यक्ति को अधिकतम 12 महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है। लेकिन इस बीच अगर सरकार को उस शख्स के खिलाफ कुछ नए सबूत मिल जाते हैं तो हिरासत का वक्त बढ़ाया जा सकता है।
क्यों विवादों में रहता है NSA?
बीते 4 दशकों में NSA राजनीतिक दुरुपयोग के कारण कई बार चर्चा में रहा है... फिर चाहे वो केंद्र की इंदिरा गांधी सरकार हो या कोई दूसरी कोई सरकार... सब पर इस कानून के दुरुपयोग का आरोप लग चुका है.. इसके अलावा जब किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है, तो उसे 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश किया जाना चाहिए... साथ ही उस व्यक्ति को गिरफ्तारी का कारण जानने का अधिकार है.. लेकिन इनमें से कोई भी अधिकार NSA के तहत हिरासत में लिए गए शख्स को नहीं मिलते.. जबकि संविधान का अनुच्छेद- 22 के मुताबिक गिरफ्तार शख्स को अपने वकील से मिलने और सलाह लेने से नहीं रोका जा सकता.