देश और दुनिया में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. भारत में भी अब ओमिक्रॉन ने स्पीड पकड़ ली है. वहीं ब्रिटेन-अमेरिका में भी रिकॉर्डतोड़ मामले दर्ज किए जा रहे हैं. ये सारी बातें जाहिर तौर पर आपकी चिंताएं बढ़ाने वाली हैं. ऐसे में आपके मन में ओमिक्रॉन से जुड़े कई सवाल होंगे जिनके जवाब देना हमारी जिम्मेदारी है तो आज के इस VIDEO में हम आपको ओमिक्रॉन से जुड़े 5 अहम सवालों के जवाब देंगे.. बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिये हमारे साथ..नमस्कार आप देख रहे हैं KNOW THIS और मैं हूँ आपके साथ ज्योति जोशी...
(पहला सवाल)
ओमिक्रॉन के लक्षण क्या हैं?
ओमिक्रॉन के आम लक्षण की बात करें तो फिलहाल दुनिया भर के वैज्ञानिक ओमिक्रॉन के व्यवहार को समझने में लगे हुए हैं, अब तक के डाटा से ये पता चला है कि कोरोना वायरस का ये वेरिएंट अब तक के पिछले वेरिएंट्स से ज्यादा संक्रामक है लेकिन पिछले VARIANTS के symptoms की तुलना में इसके symptoms जरूर हल्के हैं..हालांकि, ओमिक्रॉन के अब तक जितने भी मरीज मिले हैं उनमें एक के symptom आम हैं और वो है गले में खराश.
(सवाल नंबर 2)
बाकी वेरिएंट से कैसे अलग है ओमिक्रॉन ?
दरअसल ओमिक्रॉन फैल तो पहले जैसे ही रहा है, लेकिन इसकी आर वैल्यू ज्यादा है. कहने का मतलब ये है कि कोई डेल्टा वैरिएंट से इनफेक्टेड होता था तो वो 7 लोगों तक कोरोना फैला सकता था. वहीं ओमिक्रॉन से इनफेक्टेड हुए तो आप 30 से ज्यादा लोगों तक कोरोना फैला सकते हैं. इसलिए भीड़भाड़ वाली जगहों से जैसे- बाजार, शादियां, ट्रेन , स्कूल-कॉलेज, ऑफिस और राजनीतिक रैलियों में जाने से बचिए..
(सवाल नंबर 3)
नए वेरिएंट से बचाव के तरीके क्या हैं?
जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि इस वेरिएंट को लेकर फिलहाल रिसर्च की जा रही है और इसके लक्षण और रोकथाम को लेकर भी स्टडी की जा रही है. लेकिन कुछ सावधानियां हैं जिनको ध्यान में रखते हुए इस वेरिएंट से बचा जा सकता है.
सबसे जरूरी आपका नए वेरिएंट से बचने के लिए कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन करना जरूरी है.
मास्क पहनें, सैनिटाइजर का यूज करें और सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें
अगर आपने अब तक वैक्सीन नहीं लगवाई है तो एहतियात के तौर पर तुरंत वैक्सीन लगवा लें.
ये कुछ छोटी-छोटी सावधानियां हैं, जिन्हें बरत कर ओमिक्रॉन से बचा जा सकता है.
(सवाल नंबर 4)
क्या वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों को भी खतरा?
दरअसल कई स्टडीज में दावा किया जा रहा है कि समय के साथ वैक्सीन से बनीं एंटीबॉडीज का स्तर कम होने लगता है. जो लोग पहले से ही इम्यूनो कंप्रोमाइज्ड हैं,, उन्हें एक और डोज देकर बूस्ट करने की जरूरत हो सकती है. जिन लोगों को दोनों डोज लग चुकी है, उनमें संक्रमण का खतरा तो हो सकता है लेकिन इसके गंभीर लक्षणों से उन्हें सुरक्षित माना जा सकता है.
(सवाल नंबर 5)
क्या भारत में ओमिक्रॉन लाएगा तीसरी लहर?
जिस तरह से साउथ अफ्रीका के बाहर ओमिक्रॉन फ़ैल रहा है और भारत में भी इसके केस बढ़ रहे हैं, ऐसे में ये खतरे की घंटी तो है. हालांकि, संक्रमण की गंभीरता, प्रसार और तेजी को लेकर अभी कुछ साफ जानकारी नहीं है. दूसरा, भारत में तेजी से हो रहे टीकाकरण और डेल्टा वेरिएंट का प्रकोप झेलने के कारण आई सीरो पॉजिटिविटी के कारण भारत में ओमिक्रॉन का संक्रमण हल्का हो सकता है. हालांकि, वैज्ञानिक पुष्टि होना अभी बाकी है.