महज 8 साल पुरानी आम आदमी पार्टी ने अपनी दूसरी कोशिश में ही पंजाब में भारी बहुमत से जीत हासिल कर नेशनल पार्टी बनने की ओर बढ़ चली है. पंजाब में इस जोरदार जीत के साथ AAP ने आखिरकार दिल्ली सेंट्रिक पार्टी का अपना टैग हटा दिया है.आम आदमी पार्टी ने वो हासिल कर लिया है जो कोई अन्य क्षेत्रीय दल नहीं कर पाया. बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, जनता दल जैसी कई पुरानी पार्टियों को पछाड़ कर आम आदमी पार्टी नेशनल पार्टी की दौड़ में काफी आगे बढ़ चुकी है.
पहली बार 2013 में AAP ने चुनावी राजनीति में कदम रखा. आप ने दिल्ली विधानसभा के चुनाव में 70 में से 28 सीटें हासिल की और तीन बार की कांग्रेस की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराया. अरविंद केजरीवाल ने 28 दिसंबर 2013 को दिल्ली के दूसरे सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. 2014 लोकसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल वाराणसी से नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़े हुए. हालांकि वो बड़े मारजिन से चुनाव हार गए. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में पार्टी ने 67 सीट हासिल कर बीजेपी और कांग्रेस को बुरी तरह हराया. फिर दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में AAP ने कुल 70 में से 62 सीटें जीतकर शानदार जीत दर्ज की.
दिल्ली के बाद पंजाब, चंडीगढ़ और गोवा में पार्टी ने काफी विस्तार किया है. 2022 में AAP ने 6 राज्यों में चुनाव लड़ा जिसमें उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गोवा, गुजरात, उत्तराखंड और पंजाब शामिल है. पंजाब में आम आदमी पार्टी ने 2017 विधानसभा चुनाव में एंट्री की लेकिन महज 20 सीट पाकर बड़ी हिस्सेदारी पाने में नाकाम रह गई. 2017 में अपनी गलती से सीखकर AAP ने इस बार पंजाब में पॉपुलर पॉलिटिकल सटायरिस्ट भगवंत मान को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार चुना और अपने दिल्ली मॉडल के दम पर शानदार जीत हासिल की.
पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में आप सबसे तेजी से बढ़ती राजनीतिक पार्टी है. AAP अब राष्ट्रीय ताकत है, अरविंद केजरीवाल एक दिन PM जरूर बनेंगे. यह अब देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के रूप में कांग्रेस की जगह लेगी. अरविंद केजरीवाल से जब पूछा गया कि क्या वो आप को 2024 में एनडीए के खिलाफ विपक्षी गठबंधन के तौर पर देखती है तो उन्होंने जवाब में कहा- मैं देश को आगे बढ़ते देखना चाहता हूं. सात साल में हमने साबित कर दिया कि देश के स्कूलों को बेहतर बनाया जा सकता था, गरीबी को खत्म किया जा सकता था, अस्पतालों में सुधार किया जा सकता था, 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा सकती है और देश में अच्छी सड़कें हो सकती हैं. पिछले 70 साल में हमें जानबूझकर पिछड़ा रखा गया. अब या तो सरकार स्थिति में सुधार कर हमें हटा सकती हैं वरना लोग हमें खुद वोट करेंगे.
पंजाब चुनाव के नतीजों ने आम आदमी पार्टी में नई जान फूंक दी है. आने वाले दिनों में पार्टी अपने विस्तार का दायरा और बड़ा करेगी. दिल्ली और पंजाब के बाद उनके कदम दूसरे राज्यों में पड़ सकते हैं. देखना होगा आप कितने दूसरे प्रदेशों की राजनीतिक नब्ज पकड़ने में कामयाब होती है.