तमिलनाडु में कुन्नूर के जंगलों में बुधवार को सेना का MI-17 हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया. इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका समेत सेना के 13 लोगों की मौत हो गई है. ये वही MI-17 हेलिकॉप्टर है जिसने कारगिल की जंग में पाकिस्तानी सैनिकों के छक्के छुड़ाए थे. ये मीडियम लिफ्ट हेलिकॉप्टर भारतीय वायु सेना का एक अहम हिस्सा है जो कॉम्बैट रोल से लेकर सैनिकों और अधिकारियों को एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाने में लगातार अहम भूमिका निभा रहे हैं. आज हम आपको उस हेलिकॉप्टर के बारे में सब कुछ बताएंगे जो क्रैश हुआ.
क्यों खास है Mi 17 V5?
Mi-17V5 एक मिलिटरी ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर है. Mi-17V5 को दुनिया के मोस्ट अडवांस्ड ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर्स में से एक माना जाता है. इसे भारत की विशेष जरूरतों के आधार पर अपग्रेड किया गया है. हेलिकॉप्टर इस तरह से डिजाइन किया गया है कि सामान और सैनिकों को पीछे के रास्ते तेजी से उतारा जा सके. हेलिकॉप्टर में 4 मल्टीफंक्शन डिस्प्ले दिये गये हैं. ऑन बोर्ड वेदर रडार और ऑटो पायलट सिस्टम भी है जिससे पायलट को काफी मदद मिलती है.
यह मीडियम ट्विट टर्बाइन हेलिकॉप्टर है, जिसमें दो इंजन होते हैं. इस हेलिकॉप्टर को ट्रांसपोर्ट और बैटल दोनों ही रोल में इस्तेमाल किया जाता है. इस चॉपर में भारी बोझ उठाने की क्षमता है. हेलिकॉप्टर बेहद ठंडे से लेकर बेहद गर्म माहौल में आसानी से उड़ान भर सकता है. हेलिकॉप्टर का केबिन काफी बड़ा है. इसका फ्लोर एरिया 12 वर्ग मीटर से ज्यादा है.
भारतीय वायुसेना के लिए क्यों जरूरी ?
Mi सीरीज के हेलिकॉप्टर भारतीय वायु सेना का एक अहम हिस्सा हैं. दुनिया भर के कई देशों में इसका इस्तेमाल हो रहा है और इसका प्रदर्शन काफी भरोसमंद रहा है. भारत ने कारगिल युद्ध के समय पाकिस्तानी घुसपैठियों पर अटैक के लिए MI-17 का इस्तेमाल किया था. भारत में इसे VIP ट्रांसपोर्ट के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है.
भारतीय वायुसेना इस सीरीज के कई हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करती रही है, जिसमें Mi 26, Mi-24, Mi-17 और Mi 17 V5 शामिल हैं. हेलिकॉप्टर का main काम ट्रांसपोर्टेशन और सैनिकों को एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाने या युद्ध के क्षेत्र से निकालने और rescue operation में किया जाता है. इसमें जरूरत पड़ने पर हथियार लगाकर हमलावर भूमिका भी दी जा सकती है. भारतीय वायुसेना इसका आमतौर पर इस्तेमाल गैर युद्धक हेलिकॉप्टर के रूप में ही करती है.
क्या है इन हेलिकॉप्टर की कीमत?
रक्षा मंत्रालय ने 2008 के दिसंबर में ऐसे 80 हेलिकॉप्टर के लिए 130 करोड़ डॉलर की डील की थी. 2008 में डॉलर और रुपये के औसत एक्सचेंज रेट के आधार पर ये रकम करीब 6000 करोड़ रुपये के बराबर है. यानि एक हेलिकॉप्टर की डील वैल्यू उस समय 76 करोड़ रुपये के करीब पड़ी थी. डील में हेलिकॉप्टर के साथ कई अन्य सेवाएं और तकनीकें भी शामिल थीं.