योगी सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के सुलतानपुर में उद्घाटन किया. इस दौरान वायु सेना के लड़ाकू विमान जगुआर, मिराज-2000 और सुखोई -30 एमकेआई ने यहां टच एंड गो ड्रिल भी किया. खुद पीएम मोदी भी सुपर हरक्यूलिस विमान से हाईवे पर उतरे. लगभग 341 किमी लंबा ये 6 लेन का एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है. आज इस वीडियो में हम आपको पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बारे में सब कुछ बताएंगे. इसकी क्या खासियत है? इससे क्या-क्या फायदे होंगे? कनेक्टिविटी-टोल से जुड़े सभी सवालों के जवाब के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ.
क्यों खास है पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे ?
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से अब 301 किलोमीटर का सफर महज तीन घंटे 50 मिनट में पूरा किया जा सकेगा. 22,494 करोड़ की लागत से बने इस एक्सप्रेसवे पर सुरक्षित यात्रा के लिए कई पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. इस पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है. हादसे का सबब बनने वाले पशुओं को रोकने के लिए दोनों तरफ फेंसिंग भी की गई है. इसके अलावा आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए टीमें एक्सप्रेस-वे पर तैनात की गई हैं. दुर्घटना की स्थिति में एक्सप्रेस-वे के हर हिस्से में लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस दो-दो एंबुलेंस तैनात की गई हैं. एक्सप्रेस-वे के एक ओर 3.75 मीटर चौड़ी सर्विस लेन भी बनाई गई है. एक्सप्रेस-वे से ईंधन और समय की बचत के साथ pollution भी कंट्रोल हो सकेगा.
क्या फायदा होगा ?
मौजूदा समय में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के 9 जिलों लखनऊ, सुल्तापुर, फैजाबाद, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, बाराबंकी, अमेठी, मऊ और गाजीपुर से होकर गुजरेगा. खबर है कि इसका विस्तार बलिया तक किया जाएगा. एक्सप्रेसवे के जरिए वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, आगरा, नोएडा और दिल्ली तक सीधी कनेक्टिविटी मिल सकेगी. छह लेन का यह एक्सप्रेसवे आने वाले वक़्त में आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है.
इसमें सात बड़े पुल, सात रेलवे ओवरब्रिज, 114 छोटे पुल और 271 अंडर पास बनाए गए हैं, ताकि आसपास के रिहायशी आबादी और परिवहन सुविधाओं को इससे जोड़ा जा सके.सरकार का दावा है कि ये एक्सप्रेसवे न सिर्फ उद्योग धंधों का रास्ता खोलेगा बल्कि पूर्वांचल के विकास को रफ्तार भी देगा. साथ ही इससे क्षेत्रीय लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार भी मिलेगा.
तीन एक्सप्रेस-वे हवाई पट्टियों वाला पहला राज्य यूपी
सुल्तानपुर जिले में इस एक्सप्रेसवे पर तीन किमी लंबा रनवे बनाया गया है जिस पर लड़ाकू जहाज उतर सकते हैं. यानि ये लड़ाकू विमानों के लिए airstrip के तौर पर काम करेगा. आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेस की तरह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल भी भारतीय वायु सेना के विमानों के लिए एक emergency runway के रूप में किया जा सकेगा. इसके साथ ही यूपी देश का पहला ऐसा राज्य बन गया जिसके पास तीन एक्सप्रेस-वे हवाई पट्टियां हैं.
कितना होगा टोल ?
सरकार ने इस एक्सप्रेस-वे पर टोल टैक्स वसूलने का काम निजी कंपनी को दिया है. ये कंपनी जल्द प्रति किमी के हिसाब से टोल की दरें तय करेगी और दोनों छोर पर बने टोल प्लाजा से आने-जाने का टोल टैक्स वसूला जाने लगेगा. माना जा रहा है कि इसकी दरें भी लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे की दरों जितनी ही तय की जा सकती हैं. अनुमान है कि सरकार को इस एक्सप्रेस-वे से मिलने वाले टोल टैक्स के रूप में हर साल 202 करोड़ रुपए मिलेंगे. हालांकि अच्छी खबर ये है कि फिलहाल इस पर सफ़र करना मुफ्त ही रहेगा. अनुमान के मुताबिक एक्सप्रेस-वे पर फिलहाल रोजाना 15 से 20 हजार वाहने गुजरेंगे. ये तादाद धीरे-धीरे और बढ़ेगी.