देशभर में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. महामारी की शुरुआत के बाद ऐसा पहली बार है जब दिल्ली-मुंबई की R वैल्यू 2 से ज्यादा हो गई है. R वैल्यू का ज्यादा होना इस बात का संकेत है कि कोरोना केसेज अब तेजी से बढ़ने लगे हैं. आज इस वीडियो में हम जानेंगे कि आखिर ये आर वैल्यू होती क्या है. आर वैल्यू के बढ़ने से क्या होता है... आर वैल्यू का कैसे पता किया जाता है और बढ़ते मामलों से इसका क्या कनेक्शन है?
आर वैल्यू क्या होती है ?
रिप्रोडक्टिव नंबर या आर वैल्यू बताता है कि कोई बीमारी कितनी संक्रामक है. ये नंबर बताता है कि एक मामले से कितने और मामले फैल सकते हैं. अगर नंबर एक से नीचे है तो ये माना जाता है कि बीमारी कंट्रोल में है. एक से ज्यादा होने का मतलब है कि बीमारी तेजी से फैल रही है. आर-वैल्यू को इस तरह भी समझ सकते हैं अगर कोरोना से संक्रमित एक शख्स अन्य किसी दूसरे को संक्रमित करता है तो कोरोना की आर-वैल्यू 1 होगी. लेकिन अगर वही एक शख्स 2 लोगों को संक्रमित करता है तो आर-वैल्यू 2 होगी.
देश में कहां कितनी R Value?
इंडियन इंस्टीयूट ऑफ मैथमेटिकल साइंसेज के आंकड़ों के मुताबिक देश की R वैल्यू 1.22 हो गई है. जबकि दिल्ली की आर वैल्यू 2.54 और मुंबई की 2.01 है. पुणे, बेंगलुरु, कोलकाता और चेन्नई जैसे बड़े शहरों की R वैल्यू भी 1 से ज्यादा है. कोरोना की शुरुआत के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है जब इन शहरों में आर वैल्यू इतनी अधिक हो गई है.
बढ़ते मामलों से R वैल्यू का क्या कनेक्शन ?
R वैल्यू का सीधा-सीधा संबंध केसेज बढ़ने या कम होने की रफ्तार से है. R वैल्यू बढ़ रही है तो केसेज भी बढ़ेंगे और ये कम हो रही है तो केसेज भी कम होंगे. कोरोना के एक्टिव केसेज में गिरावट शुरू होने के लिए R वैल्यूक का 1 से कम होना जरूरी है, लेकिन फिलहाल इसका ज्यादा होना हमारे लिए चिंता की बात है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक वायरस के तेजी से फैलने की एक बड़ी वजह ओमिक्रॉन है. इस वैरिएंट का प्रसार काफी तेज है. इससे संक्रमित एक व्यक्ति अन्य कई लोगों तक वायरस फैला रहा है. यही कारण है कि आर वैल्यू में इजाफा हो रहा है.
कब आएगी तीसरी लहर ?
कोविड एक्सपर्ट्स के मुताबिक मौजूदा आंकड़ों से आकलन किया जा सकता है कि दिल्ली और मुंबई के कुछ इलाकों में तीसरी लहर शुरू हो गई है. ऐसे में आने वाले दिनों में केस काफी तेजी से बढ़ेंगे. हालांकि ये देखना होगा कि संक्रमितों में लक्षण किस प्रकार के मिल रहे हैं. अगर ज्यादा गंभीर मामले नहीं आ रहें हैं तो पैनिक नहीं होना है. जरूरी है कि लोग सतर्क रहें और कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें.