सुपरहिट साउथ इंडियन फिल्म पुष्पा दी राइज इन दिनों खूब चर्चा में है. ये फिल्म 2021 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली मूवी बन गई है. इस फिल्म में उत्तर भारत के शेषाचलम के जंगलों में मिलने वाले रक्त चंदन की लकड़ियों की तस्करी के बारे में बताया गया है. फिल्म की कहानी एक मजदूर पुष्पा की है जो रक्त चंदन की तस्करी के धंधे में कदम रखता है और मजदूर से करोड़पति बन जाता है. आज नो दिस के इस वीडियो में हम आपको करोड़ों रुपये में बिकने वाले उस रक्त चंदन के बारे में सब कुछ बताएंगे. बताएंगे भारत के उस 'लाल सोने' के बारे में जिसकी सुरक्षा के लिए बाकयदा स्पेशल फ़ोर्स लगी हुई है. आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
रक्त चंदन की लकड़ी को लाल सोना या लाल चंदन भी कहा जाता है. ये चंदन की ही एक किस्म है जो बेहद गुणकारी होता है. आयुर्वेदिक औषधि के रूप में इसका कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है. लाल चंदन भारत का एक प्राकृतिक खजाना है. ये पेड़ सिर्फ तमिलनाडु की सीमा से लगे आंध्र प्रदेश के चार जिलों- नेल्लोर, कुरनूल, चित्तूर, कडप्पा में फैली शेषाचलम की पहाड़ियों में उगते हैं. यही वजह है कि दुनियाभर में इसकी काफी मांग है. ये पानी में डूब सकते हैं और यही इसकी पहचान है. इसकी औसत ऊंचाई 8 से लेकर 11 मीटर तक होती है.
इंटरनेशनल मार्केट में करोड़ों के दाम में बिकने वाले इस लाल चंदन की तस्करी भी जोरों पर होती है. यही वजह है कि इसकी सुरक्षा के लिए STF या एंटी स्मगलिंग टास्क फोर्स की तैनाती की जाती है. भारत में इसकी तस्करी को रोकने के लिए कड़े कानून हैं. बता दें लाल चंदन की तस्करी करते हुए पकड़े जाने पर 11 साल की जेल का प्रवधान है. चीन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, सिंगापुर और यूएई समेत कई देशों में लाल चंदन की काफी डिमांड है. चीन ऐसा देश है जहां इस लकड़ी की सबसे ज़्यादा स्मगलिंग होती है. इन खास लकड़ियों की तादाद पिछले कुछ सालों में 50% तक घटी है. तस्करी करते हुए कई लोगों की बड़ी गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं.
हम सभी जानते हैं कि भारत में चंदन मात्र एक लकड़ी नहीं बल्कि इसके कई धार्मिक महत्व भी हैं. ये तीन तरह की होती है, सफेद, लाल और पीली. जहां सफेद और पीले चंदन में खुशबू होती है, वहीं रक्त चंदन खुशबूदार लकड़ी नहीं है. हिंदू धर्म में रक्त चंदन का पेड़ काफी पवित्र माना जाता है.
लाल चंदन का इस्तेमाल दवा या औषधि के रूप में कुछ शारीरिक समस्याओं के निदान के लिए किया जाता है. लाल चंदन में एंटी बैक्टीरियल और दर्द निवारक गुण पाए जाते हैं. इसके अलावा लाल चंदन का उपयोग कैंसर, घाव, पाचन तंत्र की समस्याओं से लड़ने में भी किया जाता है. हालांकि इन बीमारियों में लाल चंदन के असरदार होने को लेकर कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. लाल चंदन का इस्तेमाल पाउडर, छाल को घिसकर, सप्लीमेंट आदि के रूप में भी होता है. ये चंदन त्वचा के लिए भी गुणकारी माना जाता है. औषधि के अलावा इस महंगी लकड़ी से फर्नीचर, सजावट के सामान भी तैयार होते हैं. भारत के इस प्राकृतिक खजाने को बचाने के लिए हर जरूरी कोशिश जारी है.