भारतीय नौसेना में हमलावर सबमरीन INS वेला को शामिल कर दिया गया है. ये दुश्मन को चकमा देकर हमला करने में माहिर है जिससे नौसेना की वॉर पावर को काफी बढ़ावा मिलेगा. आज नो दिस के इस वीडियो में हम आपको इस सबमरीन के बारे में सब कुछ बताएंगे. INS वेला की क्या खसियत और क्षमता है... इसे साइलेंट किलर क्यों कहा जाता है... इसका इतिहास क्या है... वेला नाम क्यों रखा गया... इन सभी सावलों के जवाब के लिए वीडियो के एंड तक बने रहे हमारे साथ.
INS वेला की क्या खासियत है ?
मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत तैयार हुई INS वेला एक डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक सबमरीन है. INS वेला 221 फीट लंबी है. इसका बीम 20 फीट का है. ऊंचाई 40 फीट और ड्रॉट 19 फीट का है. इस सबमरीन को मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने मेसर्स नेवल ग्रुप आफ फ्रांस के साथ मिलकर बनाया है. इसे भारतीय नौसेना के पश्चिमी कमांड यानी मुंबई में तैनात किया जाएगा.
INS वेला की क्या क्षमता है ?
INS वेला समुद्री लहरों पर 20 kmph की रफ्तार से चल सकती है. जब यह समुद्र के अंदर गोते लगाती है तब इसकी गति 37kmph होती है. समुद्र के ऊपर INS वेला 15kmph की रफ्तार से एक बार में 12 हजार किलोमीटर की यात्रा कर सकती है. वहीं पानी के अंदर यह 7.4kmph की स्पीड से 1020 किलोमीटर तक चल सकती है.
ये पानी के अंदर 50 दिनों तक रह सकती है और मैक्सीमम 1150 फीट की गहराई तक गोता लगा सकती है. इसमें 8 नौसेना अधिकारी और 35 सैनिक तैनात हो सकते हैं.
इस सबमरीन से एक ही समय में टॉरपीडो और ट्यूब के इस्तेमाल के जरिए एंटी शिप मिसाइल से अंडर वॉटर और सतह दोनों जगह निशाना लगाया जा सकता है. इसकी मारक क्षमता भारत के समुद्री हितों की रक्षा के लिए नौसेना की क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. पनडुब्बी में 30 समुद्री माइन्स भी तैनात किए जा सकते हैं. ये माइन्स दुश्मन के जहाज या पनडुब्बी से टकराते ही फट जाते हैं.
क्यों कहा जाता है साइलेंट किलर ?
INS वेला दुश्मन को चकमा देकर हमला करने में माहिर है. यह सबमरीन जब समुद्र में गोता लगाती है तो दुश्मन को इसके आने की खबर नहीं लगती. इसे ताकत देने के लिए बेहतरीन इंजन लगाया गया है ताकि बिना आवाज के यह तेज गति से दुश्मन की तरफ हमला कर सके. और इस वजह से इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है.
कैसे पड़ा नाम वेला ?
वेला एक भारतीय मछली है, जो स्टिंग-रे फैमिली में आती है. वेला मछली समुद्र की खतरनाक शिकारियों में से एक है. इसका डंक किसी भी जीव को खत्म करने के लिए काफी है. स्टिंग-रे मछली अपनी चतुरता, घातक हमला, बचाव के तरीकों और आक्रामकता के लिए जानी जाती है. बता दें INS Vela का पिछला अवतार अगस्त, 1973 को सेवा में शामिल किया गया था और 2010 में उसे सेवा से हटा दिया गया था.