मध्य प्रदेश में बना देश का पहला वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन हबीबगंज अब रानी कमलापति के नाम से जाना जाएगा. सोमवार को भोपाल में PM मोदी ने इसका inauguration भी किया. स्टेशन को हाल ही में लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से रिडेवलप किया गया है. आज इस वीडियो में हम आपको इस स्टेशन से जुड़ी जरूरी जानकारी देंगे. इसका नाम क्यों बदला गया... रानी कमलापति कौन हैं... इस स्टेशन को वर्ल्ड क्लास क्यों कहा जाता है?
क्यों बदला गया नाम ?
रेलवे स्टेशनों के नाम बदलना कोई नई बात नहीं है. राज्य सरकारें लंबे समय से चल रही कोई मांग या इतिहास का प्रतिनिधित्व करने के लिए या किसी political project के हिस्से के रूप में नाम बदलने का फैसला करती हैं. हबीबगंज स्टेशन का नाम रानी कमलापति के नाम पर रखने का फैसला उनकी वीरता और पराक्रम को देखते हुए लिया गया. बहुत कम लोग रानी कमलापति के बारे में जानते हैं. रानी कमलापति हमारे देश की वीरांगनाओं में से एक हैं.
कौन हैं रानी कमलापति?
रानी कमलापति 18वीं शताब्दी की गोंड रानी और निजाम शाह की पत्नी थीं. 7 पत्नियों में से रानी कमलापति राजा के सबसे ज्यादा करीब थी. एक दिन राजा के भतीजे आलम शाह ने उनके खाने में जहर मिलवा कर उनकी हत्या कर दी जिसके बाद रानी कमलापति ने पति की मौत का बदला लिया. राज्य सरकार के मुताबिक कमलापति को अपने शासनकाल के दौरान हमलावरों का बहादुरी से सामना करने के लिए जाना जाता है.
क्यों कहा जा रहा वर्ल्ड क्लास?
कमलापति रेलवे स्टेशन में वो सभी facilities available हैं जो किसी international airport पर होती हैं. इसे एक public-private partnership के तहत डेवलप किया गया है. प्लेटफॉर्म तक पहुंचने के लिए स्टेशन पर एस्केलेटर और लिफ्ट लगाए गए हैं. ओपन हॉल में 700 से 1,100 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था की गई है. ट्रेनों की जानकारी के लिए पूरे स्टेशन पर अलग-अलग भाषाओं के डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए हैं.
स्टेशन में फूड कोर्ट, रेस्तरां, air-conditioned waiting rooms, VIP lounge भी होगा. निगरानी के लिए स्टेशन पर लगभग 160 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. स्टेशन पर एक tourist information lounge भी सेट किया जाएगा और राज्य के पर्यटन और संस्कृति के बारे में जानकारी के लिए फर्स्ट फ्लोर के waiting hall में एक बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी. इस स्टेशन को सभी modern world-class सुविधाओं के साथ तैयार किया गया है.