देशभर में कोरोना संक्रमण के रोजाना मामलों में एक बार फिर से उछाल देखा जा रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को जानकारी दी जिसके मुताबिक तीन महीने बाद पहली बार फिर से रोजाना मामले 4000 को पार कर गए हैं. वहीं कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ देश के कई हिस्सों में स्वाइन फ्लू के 'घातक' मामले भी रिपोर्ट किए जा रहे हैं। जहां केरल, UP और राजस्थान में स्वाइन फ्लू से मरीजों की मौत से हड़कंप मचा गया है। वहीं, मध्य प्रदेश के इंदौर में 3 लोग और ओडिशा में भी 2 लोग H1N1 से संक्रमित पाए गए हैं. बता दें कि जो मरीज मिले हैं उनमें कोरोना जैसे ही लक्षण निमोनिया, सांस लेने में समस्या और ऑक्सीजन की कमी देखने को मिल रही है, जो काफी खतरनाक संकेत है. तो आज के know this वीडियो में हम आपको बताएंगे कि देश के वो कौन से राज्य हैं जहां से अब तक स्वाइन फ्लू के मामले आए हैं? स्वाइन फ्लू होता क्या है? साथ ही बताएंगे कि इसके लक्षण और बचाव के तरीके क्या हैं? बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ..
देश के जिन राज्यों में अब तक स्वाइन फ्लू के मामले आए हैं वो है केरल जहां 1 मरीज की मौत हुई है और 1 संक्रमित है.
केरल के स्वास्थ्य अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि कोझिकोड की 12 वर्षीय लड़की की मौत स्वाइन फ्लू के चलते हुई है। लड़की की मौत रविवार, यानी 29 मई को ही हो गई थी, लेकिन लैब के नतीजे आने के बाद H1N1 की पुष्टि हुई। लड़की की जुड़वा बहन भी स्वाइन फ्लू से संक्रमित है और उसका इलाज चल रहा है।
मध्य प्रदेश के इंदौर में 3 लोग स्वाइन फ्लू की चपेट में आये हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग ने उन इलाकों का सर्वे भी किया है जहां ये मरीज रहते हैं। 2019 में मध्य प्रदेश में स्वाइन फ्लू के 720 पॉजिटिव मिले थे और 165 मरीजों की मौत हुई थी।
राजस्थान की बात करें तो यहां 2 महीने में 90 से ज्यादा केस मिले, 2 की मौत हुई है
इसके अलावा देश में सबसे घनी आबादी वाले राज्य UP में भी स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है। कानपुर में पिछले सोमवार, यानी 30 मई को स्वाइन फ्लू से एक सर्राफा कारोबारी की मौत के बाद पूरे राज्य में हड़कंप मचा है। हालांकि, परिवार में अभी कोई और H1N1 पॉजिटिव नहीं पाया गया है। इसके पहले राज्य में 2019 में स्वाइन फ्लू से एक की मौत हुई थी।
स्वाइन फ्लू एक तरह से फ्लू (इन्फ्लूएंजा) वायरस के H1N1 स्ट्रेन के कारण होता है। H1N1 इन्फ्लूएंजा ए वायरस है। इससे संक्रमण की स्थिति में इन्फ्लूएंजा की तरह ही लक्षण देखे जाते हैं। सामान्य फ्लू की तुलना में स्वाइन फ्लू अधिक संक्रामक है, इसके संक्रमण के लक्षण हल्के से गंभीर स्तर के हो सकते हैं.ये सुअरों से फैलने वाली बेहद खतरनाक संक्रामक बीमारी है।
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तो अगर आपको तेज फीवर होने के साथ-साथ लगातार नाक बह रही हो। सामान्य फीवर का ट्रीटमेंट लेने के बाद 24-48 घंटे में रिलीफ नहीं रहा है। इसके बाद इसे तुरंत स्वाइन फ्लू का लक्षण मानते हुए टेस्ट करवाना चाहिए।
स्वाइन फ्लू संक्रमण संक्रमित व्यक्ति के छींकने-खांसने के दौरान निकलने वाली ड्रॉपलेट्स या फिर दूषित सतह के संपर्क में आने से फैल सकता है। H1N1 वायरस आपके नाक, गले और फेफड़ों को लाइन करने वाली कोशिकाओं को संक्रमित करता है। इस संक्रमण से बचाव के लिए 6 माह से अधिक उम्र के लोगों को सालाना फ्लू वैक्सीनेशन कराने की सलाह दी जाती है। यह गंभीर रोग के विकसित होने के जोखिम को कम कर देती है।