क्या आजमगढ़ में सीएम योगी आदित्यनाथ का ‘आर्यमगढ़’ वाला दांव काम कर गया ? आजमगढ़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को 8 हजार 679 वोटों से हरा दिया। इस जीत के साथ ही आजमगढ़ का नाम बदलकर ‘आर्यमगढ़’ करने की मांग और भी तेज हो गई है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने चुनाव प्रचार के दौरान जनता से सवाल पूछा था,
उन्होंने कहा था, क्या आप लोग चाहते हैं कि शहर का नाम बदलकर आर्यमगढ़ कर दिया जाए? आजमगढ़ को आतंकवाद का गढ़ मत बनने दीजिएगा। मौका है चूकिएगा मत, ईश्वर ने आपको एक अवसर दिया है।
सीएम योगी की इस अपील के बाद अब जो नतीजे सामने आए हैं, उन्हें देखकर ऐसा माना जा रहा है कि सीएम योगी की वो अपील रंग ला गई। जनता ने सीएम योगी की अपील पर मुहर लगा दी और यही वजह है कि बीजेपी ने आजमगढ़ में इतिहास रच दिया।
बीजेपी की इस जीत के बाद आजमगढ़ के साथ-साथ ‘आर्यमगढ़’ की चर्चा भी तेज हो गई है। बीजेपी नेताओं समेत त माम लोग आर्यमगढ़ को लेकर ट्वीट करने लगे। बीजेपी की फायरब्रांड नेता साध्वी प्राची ने ट्वीट में लिखा। ‘आजमगढ़ बनेगा आर्यमगढ़, निरहुआ ने दर्ज की ऐतिहासिक जीत’
अब बात करें शहरों के नाम बदलने की तो, योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान यूपी के कई शहरों के नाम बदले थे। नाम बदलने में सीएम योगी ने कोई हिचक नहीं दिखाई। 2018 में मुगलसराय तहसील और स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर कर दिया। उसके बाद इलाहाबाद को प्रयागराज और फैजाबाद जिले का नाम अयोध्या कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो योगी सरकार यूपी के कई शहरों के नाम बदलने पर विचार कर रही है। लखनऊ, अलीगढ़, संभल, फर्रुखाबाद, सुल्तानपुर, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, आगरा, मैनपुरी, गाजीपुर, देवबंद, रसूलाबाद और सिकंदरा के नाम बदले जा सकते हैं।
अब बात करें इसके लिए क्या प्रक्रिया होती है तो आपको बता दें। इसके लिए ड्रॉफ्ट तैयार किया जाता है। जिस पर कैबिनेट में चर्चा होती है। उसके बाद इस ड्रॉफ्ट को विधानसभा में पेश किया जाता है। विधानसभा से प्रस्ताव पारित होने के बाद उसे राज्यपाल के पास भेजा जाता है। राज्यपाल की मुहर लगने के बाद केन्द्रीय गृह मंत्रालय के पास भेजा जाता है, और फिर राज्य सरकार अधिसूचना जारी कर उस शहर का नाम बदल देती है।
प्रदेश के हालिया इतिहास को देखें तो शहरों के नाम बदलने में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी भी पीछे नहीं रहीं। आपको बता दें 2012 से 2022 के बीच 11 जिलों के नाम बदले गए। जिसमें से 9 नाम अखिलेश यादव ने बदले। बाकी के दो नाम योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल में बदल दिए।