बांग्लादेश की राजधानी ढाका के इस्कॉन के राधाकांत मंदिर को कट्टरपंथियों ने निशाना बनाया है. कट्टरपंथियों ने मंदिर में तोड़फोड़ और लूटपाट की., इस्कॉन की ओर से जारी बयान के मुताबिक, इस घटना में तीन श्रद्धालु घायल हो गए. बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर पर महज छह महीने के अंदर ये दूसरा हमला है. बता दें कि पिछले कुछ सालों के दौरान बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों-खासतौर पर हिंदुओं पर हमले तेजी से बढ़े हैं.. तो आज के know this video में हम आपको बताएंगे कि बांग्लादेश में कट्टरपंथियों के निशाने पर क्यों हैं अल्पसंख्यक हिंदू? साथ ही बताएंगे कि इस्कॉन क्या है और ये क्यों है कट्टरपंथियों के निशाने पर? बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ..
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक अधिकारों पर काम कर रही संस्था AKS के अनुसार पिछले एक दशक में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को 3679 बार हमलों का सामना करना पड़ा। इस दौरान 1678 मामले धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ और हथियारबंद हमलों के सामने आए. इसके अलावा घरों-मकानों में तोड़-फोड़ और आगजनी समेत हिंदू समुदाय को निशाना बनाकर लगातार हमले किए गए. खासकर 2014 के चुनावों में अवामी लीग की जीत के बाद हिंसक घटनाएं बड़े पैमाने पर हुईं जिनमें हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया. 9 साल में हुए इन हमलों में हिंदू समुदाय के 11 लोगों की जान गई तो 862 लोग जख्मी हुए.
दरअसल बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ रहे कट्टरपंथियों के हमले की कुछ ख़ास वजहें हैं. बांग्लादेश के गठन के बाद से ही अल्पसंख्यक होने की वजह से हिंदुओं पर हमले होते रहे हैं, लेकिन इन हमलों में पिछले एक दशक के दौरान बहुत तेजी आई है. 2009 में अवामी लीग की प्रमुख शेख हसीना के सत्ता में आने के कुछ सालों बाद से ही बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले बढ़े हैं. वहीं बांग्लादेश में पिछले कुछ सालों के दौरान हिंदुओं पर हमले में एक खास तरीका काम करता रहा है. पहले सोशल मीडिया के जरिए इस्लाम के अपमान की अफवाह फैलाई जाती है, जिसके बाद कुछ कट्टरपंथियों का समूह उन जगहों पर हमले करते हैं, जहां हिंदू रहते हैं.
हालांकि कुछ जानकारों का मानना है कि भारत में हिंदुत्व विचारधारा के उदय ने बांग्लादेश में कुछ लोगों के बीच एक सुपर नेशनल मुस्लिम पहचान की भावना को मजबूत किया है. कुछ एक्सपर्ट्स, इसके लिए 2019 में मोदी सरकार द्वारा भारत में लाए गए नागरिकता संशोधन एक्ट को भी वजह मानते हैं. इस एक्ट में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के प्रताड़ित हिंदुओं और गैर-मुस्लिमों के भारत में प्रवेश पर उन्हें नागरिकता देने का प्रावधान है.
इस्कॉन मंदिर पूरे विश्व में भगवान श्री कृष्ण की भक्ति का सबसे बड़ा मंदिरो का संगठन है. इस्कॉन का मतलब इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कांशसनेस है. ये संगठन दुनिया भर में कृष्ण भक्ति को प्रचारित और प्रसारित करता है. इस्कॉन मंदिर की स्थापना श्रीमूर्ति श्री अभयचरणारविन्द भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपादजी ने न्यूयॉर्क सिटी में 1966 में की थी.