क्या है ‘पीएम गति शक्ति’योजना ?
गति शक्ति एक ऐसा डिजिटल मंच होगा जो सरकार के 16 मंत्रालयों को आपस में जोड़ेगा. सरकार का मानना है कि इसे इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी से जुड़ी करीब 100 लाख करोड़ रुपयों की परियोजनाओं की अच्छे से मॉनिटरिंग हो सकेगी. इसमें रेलवे, सड़क परिवहन, पोत, आईटी, टेक्सटाइल, पेट्रोलियम, ऊर्जा, उड्डयन जैसे मंत्रालय शामिल हैं. इन मंत्रालयों के फिलहाल जो भी प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं उन सभी को Geographic Information System यानी GIS मोड में डाल दिया है, जिन्हें 2024-25 तक पूरा किया जाना है, उन सबको गति शक्ति योजना के तहत पूरा किया जाएगा.
सीधे शब्दों में कहे तो 'पीएम गतिशक्ति' योजना सरकारी विभागों में तालमेल की कमी को पूरा करेगा. उदाहरण के तौर पर इसे ऐसे समझिए कि अगर कहीं सड़क बनने के बाद बिजली विभाग अपना केबल डालने के लिए सड़क को खोद कर ऐसे ही चला जाए और उस काम को काफी वक्त तक ऐसे ही लटका दे तो उसे तुरंत ऐसा करने से रोका जाए. इस योजना के तहत तुरंत फैसले लिए जाएंगे और किसी भी काम में अप्रूवल लेने या देने में कोई देरी नहीं होगी.
कैसे काम करेगी ये योजना ?
इस योजना की शुरुआत के लिए 16 मंत्रालयों की पहचान की गई है. ये वो मंत्रालय है जो इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी से जुड़े काम देखते हो या फिर इकॉनोमिक फ्रेमवर्क बनाने का काम करते हो. इसके लिए हर मंत्रालय को अलग लॉग इन id दी जाएगी, जिसमें वो अपने डेटा को अपडेट कर पाएंगे. सारा डेटा एक प्लेटफार्म पर होने से हर मंत्रालय एक दूसरे के काम पर नज़र रख पाएंगे. गति शक्ति के तहत जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम बेस्ड प्लानिंग, रूट प्लानिंग, मॉनिटरिंग और सैटेलाइट तस्वीरों के इस्तेमाल जैसे कई काम टेक्नॉलजी की मदद से किए जा सकेंगे.