CBSE ने इस बार सिलेबस तो कम किया ही है, साथ ही बोर्ड एग्जाम को कॉलेज सेमेस्टर सिस्टम की तरह 2 टर्म में कराने का फैसला किया है. पहले टर्म में माइनर सब्जेक्ट्स का एग्जाम होगा. 10वीं के टर्म-1 एग्जाम 30 नवंबर से शुरू होंगे, वहीँ 12वीं के 1 दिसंबर से.
दूसरे टर्म में मेजर सब्जेक्ट्स के एग्जाम होंगे. ये अगले साल फ़रवरी- मार्च के महीने में होंगे.
नए सर्कुलर के मुताबिक, टर्म-1 एग्जाम ऑब्जेक्टिव टाइप होगा, जिसमें मल्टीपल चॉइश question होंगे. इसके लिए स्टूडेंट्स को 90 मिनट का वक़्त दिया जायेगा. टर्म-1 एग्जाम खत्म होने के बाद मार्कशीट के रूप में रिजल्ट दिए जाएंगे. हालांकि, पहले टर्म के बाद किसी भी छात्र को पास, कंपार्टमेंट या रिपीट कैटेगरी में नहीं रखा जाएगा. final रिजल्ट दोनों टर्म्स होने के बाद घोषित किए जाएंगे.
इसके अलावा टर्म टू एग्जाम के लिए इस बार तीन घंटे की जगह स्टूडेंट्स को 2 घंटे का ही समय मिलेगा. इसमें अलग अलग तरह के सवाल पूछे जाएंगे- जैसे शोर्ट आंसर, लॉन्ग आंसर टाइप. इस पैटर्न की खास बात ये है कि इस नए पैटर्न को नई शिक्षा नीति 2020 से जोड़कर भी देखा जा रहा है. ऐसे में शिक्षा मंत्रालय इस साल इस पैटर्न को ट्रायल के तौर पर भी देख रहा है..