5 अगस्त 2020 को पीएम मोदी के हाथों राम मंदिर का शिलान्यास होने के बाद अयोध्या के लिए 1 जून की तारीख भी ऐतिहासिक है। करोड़ों रामभक्तों ने अयोध्या में जिस भव्य राममंदिर का सपना देखा था वो जल्द ही पूरा होने वाला है। अगले साल तक अयोध्या आने वाले भक्तों को रामलला के भव्य दर्शन होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धार्मिक अनुष्ठानों और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच राम लला के गर्भगृह के निर्माण के लिए पहली शिला रखी। इसके साथ ही 29 मई से शुरू हुआ सर्वदेव अनुष्ठान का भी समापन हो गया। शिला स्थापना के बाद सीएम योगी ने मंदिर निर्माण में लगे आर्किटेक्ट और कारीगरों को सम्मानित किया। उसके बाद सीएम योगी रामलला मंदिर के पास द्रविड़ शैली में बने मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद साधु-संतों और लोगों को संबोधित किया।
मंदिर का शिलापूजन भले ही 2 बरस पहले किया गया हो लेकिन मंदिर निर्माण के लिए पत्थर को तराशने का काम करीब 30 बरस पहले से चल रहा है। इसके लिए राजस्थान और अयोध्या में कई वर्कशॉप बनाई गई हैं, जिनमें सैकड़ों कारीगर दिन-रात पत्थरों को तराशने का काम रहे हैं। इन सभी पत्थरों को अब गर्भगृह के निर्माण में उपयोग किया जाएगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें अभी तक मंदिर निर्माण के लिए पिलर्स पर नक्काशी का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है। छत के पत्थरों को तराशने का काम भी काफी हद तक हो चुका है यानि सब कुछ समय के मुताबिक चल रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल दिसंबर तक मंदिर का गर्भगृह बनकर तैयार हो जाएगा और जनवरी 2024 में माघ के महीने में रामलला की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद भक्त अपने भगवान के दर्शन कर सकेंगे।