महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक को ED ने गिरफ्तार कर लिया है. ईडी की टीम बुधवार सुबह से ही मलिक से पूछताछ कर रही थी. करीब सात घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ऑफिस से बाहर आने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया. जहां नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है. वहीं सत्ताधारी शिवसेना और एनसीपी ने मलिक पर ईडी की कार्रवाई को केंद्र के इशारे पर की गई कार्रवाई बताया है.. नवाब मलिक पिछले काफी समय से चर्चा में रहे हैं. तो आज के KNOW THIS VIDEO में हम आपको बताएंगे कि नवाब मलिक कौन हैं और वो कितनी संपत्ति के मालिक हैं साथ ही बताएंगे कि उन पर किस मामले में कार्रवाई की गई है.. बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ..
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महा विकास अघाड़ी सरकार में नवाब मलिक अल्पसंख्यक, कौशल विकास और उद्यमिता विभाग के कैबिनेट मंत्री हैं. एनसीपी के मुस्लिम चेहरा माने जाते हैं और पार्टी प्रमुख शरद पवार के करीबी नेताओं में से हैं. उद्धव सरकार में एनसीपी कोटे से मंत्री नवाब मलिक मूलरूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. मलिक ने अपना सियासी सफर मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी के साथ से शुरू किया और बाद में शरद पवार का हाथ थाम एनसीपी में शामिल हो गए.
बता दें कि हवाला मामले में ईडी द्वारा जुटाए गए सबूतों में मलिक का नाम सबसे पहले आया था. नवंबर, 2021 में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नवाब मलिक को लेकर खुलासा किया था. फडणवीस ने कहा था कि नवाब मलिक ने मुंबई में दाऊद के करीबियों से जमीन खरीदी थी. इसमें एक मुंबई बम धमाकों में शामिल था. उन्होंने आरोप लगाया था कि बम धमाकों में उम्र कैद की सजा काट रहे शहा वली खान और हसीना पारकर के करीबी सलीम पटेल के साथ नवाब मलिक के व्यावसायिक संबंध हैं.
प्रवर्तन निदेशालय ने बीते शुक्रवार को माफिया सरगना दाउद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को महाराष्ट्र की ठाणे जेल से गिरफ्तार किया था. ईडी ने दाउद और उसके सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज किया है. इकबाल कासकर से इसी मामले में पूछताछ जारी है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इकबाल कासकर ने नवाब मलिक का नाम भी लिया था, जिसके बाद ईडी की टीम उनसे पूछताछ कर रही है. नवाब मलिक की संपत्ति की बात करें तो 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दिए हलफनामे में उन्होंने कुल संपत्ति 5 करोड़ 74 लाख 69 हजार बताई है. नवाब मलिक ने बताया है कि उनके ऊपर 45 लाख रुपये का लोन है.. इसके अलावा नवाब मलिक और उनकी पत्नी महजबीन मलिक की कई कंपनियों में हिस्सेदारी भी है..
नवाब मलिक ने अपने करियर की शुरुआत व्यापार से की थी, लेकिन इस बीच उनकी दिलचस्पी राजनीति में बढ़ी तो वह सियासत के मैदान में कूद पड़े. नब्बे के दशक में देश में राम मंदिर आंदोलन शुरू हुआ. इसी दौरान अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के खिलाफ मुखर हुए सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की लोकप्रियता अल्पसंख्यक समुदाय में तेजी से बढ़ी. मुलायम सिंह की मुस्लिमों के बीच बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए नवाब मलिक ने भी अपना सियासी पारी सपा से शुरू की. 2004 के लोकसभा चुनाव में यूपीए सरकार के केंद्र में आने के बाद नवाब मलिक ने सपा का दामन छोड़कर शरद पवार की एनसीपी में एंट्री कर गए.. 2009 के विधानसभा चुनाव में वो लगातार चौथी बार विधायक बने.उसके बाद 2014 का विधानसभा चुनाव वो अणुशक्तिनगर विधानसभा से फिर से चुनाव लड़े थे, लेकिन मामूली वोटों से शिवसेना के हाथों हार गए. 2019 विधानसभा चुनाव में नवाब मलिक ने फिर से यहां से चुनाव लड़ा और पांचवी बार विधायक बने.
शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन होने पर नवाब मलिक को एनसीपी कोटे से महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बनाया गया. 2020 में मलिक को एनसीपी मुंबई का अध्यक्ष भी बनाया गया और उन्हें एनसीपी प्रमुख शरद पवार का बेहद करीबी माना जाता है.