दिवाली में पटाखों से होने वाला प्रदूषण कोरोना के मरीजों और कोरोना से ठीक हो चुके लोगों के लिए खतरनाक है. वहीं एक्सपर्ट्स का कहना है कि सर्दी और प्रदूषण का मिलना बहुत खतरनाक हो सकता है साथ ही कोविड के मरीजों और इससे ठीक हुए मरीज़ों पर भी इसका असर भारी पड़ सकता है.इसलिए दीवाली से होने वाले प्रदूषण से बचने के लिए एक्सपर्ट्स पटाखों से दूरी बनाने की गुज़ारिश कर रहे हैं. docters का मानना है कि पटाखे जब फोड़े जाते हैं तो स्मॉल पार्टिकल्स हवा में घुलते हैं जिसे मेडिकल भाषा में aerosol बोलते हैं, इससे कोविड का वायरस फैलता है, दीवाली में पटाखों से ये और ज्यादा फैलेगा..
प्रदूषण में शामिल तत्व
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक पटाखों में से 15 ऐसे हानिकारक तत्व निकलते हैं, जो हवा को बेहद खतरनाक और जहरीला बना देते हैं. पटाखों में सीसा, पारा, लिथियम, आर्सेनिक जैसे केमिकल इस्तेमाल किए जाते हैं. इस वजह से पटाखे चलाने पर PM 2.5 और PM 10 बेहद खतरनाक स्तर तक पहुंच जाते हैं. PM यानि पार्टिकुलेट मैटर. basically, एक लिक्विड ड्राप जिसमें सॉलिड पार्टिकल घुसे हुए हो. ये आपके शरीर में घुस जाए तो हार्ट और lungs से जुड़ी कई बीमारियों को जन्म दे सकता है. PM 2.5 यानि जिसके पार्टिकल का साइज़ 2.5 माइक्रोमीटर या उस से कम हो, ऐसे ही PM10 का मतलब जिसके पार्टिकल का साइज़ 10 माइक्रोमीटर या उस से कम हो.