दिल्ली का लाक्षागृह जिसने 27 जिंदगियों को लील लिया। मुंडका मेट्रो स्टेशन के पिलर नंबर 544 के पास बनी ये इमारत किसी ‘लाक्षागृह’ से कम नहीं। जिसमें जलकर 27 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि हादसे में 12 लोग घायल हो गए।
तारीख 13 मई, शाम 4:30 बजे
मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास एक कॉमर्शियल बिल्डिंग में आग लगती है। इमारत की पहली मंजिल पर आग लगी फिर भीषण धुआं नजर आया। आग की लपटों और धुएं के गुबार में लोग बुरी तरह फंस गए।किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि जाएं तो जाएं कहां, क्योंकि बिल्डिंग में फायर सेफ्टी का इंतजाम तो था ही नहीं
तारीख 13 मई, शाम 4:40 बजे
पुलिस और फायर ब्रिगेड को आग लगने की खबर दी जाती है। इस बीच आग की लपटों ने इमारत को पूरी तरह से चपेट में ले लिया था। बिल्डिंग में मौजूद लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई।क्योंकि बिल्डिंग के अंदर दमघोटू धुआं बढ़ता जा रहा था।
तारीख 13 मई, 4:50 बजे
खबर मिलते ही पुलिस की टीमें मौके पर पहुंच गईं।लेकिन जिस तरह के हालात थे उनसे निपटना बहुत मुश्किल था। इसी बीच बिल्डिंग में मौजूद लोग जान बचाने के लिए रस्सी के सहारे कूदने लगे। कई लोग तो ऐसे थे जिन्होंने दहशत में आकर तीसरी और चौथी फ्लोर से छलांग लगा दी। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
तारीख 13 मई, शाम 5 बजे
फायर ब्रिगेड की गाड़ियां एक-एक करके पहुंचने लगीं।।फायर ब्रिगेड ने आग बुझाने और रेस्क्यू का काम शुरू किया। बिल्डिंग के कांच तोड़कर सीढ़ियों की मदद से लोगों को बाहर निकाला गया।
तारीख 13 मई, शाम 6:20 बजे
जान बचाने के लिए कूदी एक महिला का शव बरामद हुआ। उधर घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजने का सिलसिला जारी था। घायलों में कई लोग ऐसे थे जो बुरी तरह से झुलस गए थे। इन्हें ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अस्पताल पहुंचाया जा रहा था।
तारीख 13 मई, रात 10:50 बजे
रात 11 बजे के करीब फायर फायटर्स ने आग पर काबू पाया और कूलिंग ऑपरेशन शुरू हुआ। तब जाकर बिल्डिंग के अंदर सर्च टीम दाखिल हो सकी। थोड़ी देर बाद दिल्ली फायर सर्विस के डिप्टी चीफ ने 26 लोगों के शव बरामद होने की पुष्टि की।
तारीख 13 मई, रात 11:45 बजे
पहली मंजिल पर फिर से आग भड़क उठी। जिस पर फायर फायटर्स ने थोड़ी देर में काबू पा लिया। रात में सर्च ऑपरेशन बंद कर दिया।
सुबह 6 बजे के आस-पास फिर से फायर ब्रिगेड और NDRF ने सर्च ऑपरेशन शुरु किया।।जो खबर लिखे जाने तक जारी है।
दिल्ली के मुंडका में हुए इस भीषण हादसे की खबर जिसने सुनी उसका कलेजा कांप उठा। इस दर्दनाक हादसे में मारे गए लोगों के शव इतनी बुरी तरह जल चुके हैं उन्हें पहचान पाना तक मुमकिन नहीं।
फिलहाल बिल्डिंग में काम कर रहे लोगों के परिजनों की जानकारी पर सभी का रिकॉर्ड बनाया जा रहा है। लापता लोगों के परिजनों और बिल्डिंग से बरामद शवों का डीएनए मिलाया जाएगा। तब जाकर शवों की सही पहचान हो पाएगी।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक इस चार मंजिला इमारत में आग बुझाने का कोई भी उपकरण मौजूद नहीं था। जिसकी वजह से इस बिल्डिंग को NOC भी नहीं मिली थी।लेकिन बावजूद इसके इस इमारत का इस्तेमाल कॉमर्शियली हो रहा था। पुलिस ने इस बिल्डिंग के मालिक जिसका नाम मनीष लाकड़ा बताया जा रहा है।उसे गिरफ्तार कर लिया। साथ ही बिल्डिंग की पहली मंजिल पर सीसीटीवी और कैमरे का राउटर बनाने वाली कंपनी का दफ्तर था। बताया जा रहा है कि CCTV के गोदाम में आग लगने से लपटें और भीषण हो गई।पुलिस ने इस कंपनी के 2 मालिकों को भी हिरासत में ले लिया।
केंद्र सरकार ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 2 लाख रुपए का मुआवजे का ऐलान किया है।वहीं घायलों को 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।मुआवजे की राशि का भुगतान प्रधानमंत्री राहत कोष से किया जाएगा।
मुंडका में हुए इस भीषण अग्निकांड ने दिल्ली में 25 साल पुराने ग्रीन पार्क के उपहार सिनेमा में लगी आग हादसे की घटना की यादें ताजा कर दी। जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी। और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस भीषण अग्निकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।