प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किया. काशी कॉरिडोर को एक टूरिस्ट सेंटर की तरह डेवलप किया जा रहा है और इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 1,000 करोड़ रुपए है. आज इस वीडियो में हम आपको काशी कॉरिडोर के बारे में सब कुछ बताएंगे. काशी कॉरिडोर की क्या खासियत है... इसे बनाने की शुरूआत कैसे हुई... इसके बनने से श्रद्धालुओं को क्या फायदा होगा... भक्तों के लिए काशी विश्वनाथ का क्या महत्व है?
कैसे हुई काशी कॉरिडोर की शुरूआत ?
एक साल पहले तक तंग गलियों में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करना बड़ी जद्दोजहद वाली बात थी. मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए पैर रखने तक की जगह नहीं होती थी. प्रधानमंत्री जब पहली बार काशी आए थे तो उनका मन मंदिर और आसपास की हालत देख काफी दुखी हुआ था. इमारतें दुरुस्त नहीं थीं. सीवर का पानी गंगा में बह रहा था और कई दिनों से काशी पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालुओं को गंदगी के ऊपर से चलकर मंदिर जाना पड़ रहा था. मंदिर के आस-पास अधिकतर इमारतें मंदिरों के ऊपर बनाई गई थीं. काशी कॉरिडोर इन सब चीजों से निजात दिलाता है.
पीएम मोदी ने कॉरिडोर के आर्किटेक्ट बिमल पटेल से कहा था कि ऐसा सुंदर और बढ़िया कॉरिडोर बनाओ, जिससे गंगा से मंदिर जुड़ जाएं. एक ऐसा रास्ता बनाओ जिससे तीर्थयात्रियों का मन प्रफुल्लित हो जाए. पीएम खुद इसके मास्टर प्लान का रिव्यू करते रहे है.
क्यों खास है काशी विश्वनाथ कॉरिडोर?
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए सरकार ने 5.5 लाख स्क्वायर फीट जमीन अख्तियार की है. इस प्रोजेक्ट की लागत 1000 करोड़ है और इसका मकसद विश्वनाथ मंदिर के आस पास के इलाकों को दोबारा भव्य बनाना है. इसके लिए एस्केलेटर्स लग रहें हैं...रास्ते चौड़े किए जा रहे हैं और कॉरिडोर के लिए साफ सफाई जोर-शोर से चल रही है. मंदिर के पुनर्निर्माण में वैसे ही पत्थर लगाए जा रहे हैं जैसे 1000 साल पहले लगे थे. परिसर में विश्वानाथ मंदिर के आस पास खुली जगह बनाई गई है. मुख्य परिसर के बाहर भी एक बड़ा परिसर है जहां शॉपिंग की व्यवस्था होगी. कॉरिडोर को बनाने के लिए करीब 400 इमारतों का अधिग्रहण किया गया है.
काशी कॉरिडोर से क्या फायदा ?
काशी कॉरिडोर पुरानी अर्थव्यवस्था की सीमाओं को तोड़कर नई अर्थव्यवस्था स्थापित करेगा. इस प्रोजेक्ट से स्ट्रीट टूरिज्म को फायदा होगा. साथ ही शहर का राजस्व बढ़ेगा और बुनियादी व्यवस्था के लिए शहर पैसा खर्च कर पाएगा.
श्रद्धालुओं के लिए क्या सहूलियत ?
काशी विश्वनाथ का मंदिर अब सीधे गंगा से जुड़ गया है. श्रद्धालु गंगा स्नान कर सीधे बाबा धाम में प्रवेश कर सकेंगे. 3 यात्री सुविधा केंद्रों में श्रद्धालुओं को अपना सामान सुरक्षित रखने, बैठने और आराम की सुविधा मिलेगी. सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए दो मंजिला इमारत बनाई गई है. योग और ध्यान केंद्र के रूप में वैदिक केंद्र स्थापित किया गया है. बाहर से आने वाले श्रद्धालुओें के लिए स्पिरिचुअल बुक सेंटर होगा. बाबा की भोगशाला में एक साथ 150 श्रद्धालु बैठकर प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे. सुरक्षा के लिए हाईटेक कंट्रोल रूम बनाया गया है. साथ ही पूरे धाम क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. emergency medical facility से लेकर एंबुलेंस तक की व्यवस्था भी रहेगी.
काशी विश्वनाथ का क्या महत्व है?
काशी को सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है. दूर-दूर से यहां लोग बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए आते हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन मात्र से ही पापों से मुक्ति मिल जाती है. कहा जाता है कि काशी भगवान शिव के त्रिशूल पर टिकी है और भगवान विश्वनाथ यहां ब्रह्मांड के स्वामी के रूप में निवास करते हैं.