MSP को लेकर जो सहमति बनी है उसमें सरकार MSP की गारंटी पर कमेटी बनाएगी, जिसमें किसान नेता भी होंगे. पीएम मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक समिति बनाने की घोषणा की है. अभी जिन फसलों पर MSP मिल रही है, वो जारी रहेगी. MSP पर जितनी खरीद होती है, उसे भी कम नहीं किया जाएगा..
वहीं आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज केस के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार और हरियाणा सरकार ने वापस लेने पर सहमति जताई है. दिल्ली और दूसरे केंद्रशासित प्रदेशों के साथ रेलवे द्वारा दर्ज केस भी तत्काल वापस होंगे.
इधर मुआवजे पर भी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में सहमति बन गई है..पंजाब सरकार की तरह ही यहां भी 5 लाख का मुआवजा दिया जाएगा.. बता दें कि किसान आंदोलन में 700 से ज्यादा किसानों की मौत हुई है..
बिजली संशोधन बिल की बात करें तो इसमें सरकार बिजली संशोधन बिल को सीधे संसद में नहीं ले जाएगी. पहले उस पर किसानों के अलावा सभी संबंधित पक्षों से चर्चा होगी..
और आखिर में जिस प्रदूषण कानून को लेकर किसानों को सेक्शन 15 से आपत्ति थी जिसमें किसानों को कैद तो नहीं लेकिन जुर्माने का प्रावधान था. उसमें भी आम सहमती बन गयी है इसे केंद्र सरकार हटाएगी. यानी कि अब किसान पराली के मुद्दे पर केंद्र सरकार के कानून की धारा 15 में जुर्माने के प्रावधान से मुक्त होंगे.