2018 में बनीं मुख्य अर्थशास्त्री
गीता मूलरूप से केरल की हैं. उनकी नागरिकता अमेरिका और भारत दोनों की है.. वो अपने नाम में अपने पिता का भी नाम लगाती हैं. उनके पिता का नाम गोपीनाथ है. गीता 2018 में IMF की मुख्य अर्थशास्त्री बनी थीं. कार्यकाल खत्म होने पर उन्हें हार्वर्ड वापस लौटना था, पर वो अब इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) में ही रहेंगी. उन्हें 21 जनवरी 2022 से नई जिम्मेदारी मिलेगी.
जिम्मेदारी के क्या हैं मायने?
बता दें कि गीता गोपीनाथ को मिली जिम्मेदारी के कई मायने हैं. गीता IMF से जुड़ी नीतियों को लीड करेंगी. साथ ही वो fund contribution में high quality standards बनाये रखने में अपना योगदान देंगी. बता दें कि IMF का सबसे बड़ा शेयरहोल्डर अमेरिका ही डिप्टी एमडी को Nominate करता है. जिसके आईएमएफ उसे APPOINT करता है. गीता गोपीनाथ ने आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री रहते हुए रिसर्च विभाग की भूमिका को बड़ा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. IMF में उन्होंने international capital flow और महामारी को ख़त्म करने के प्लान तैयार करने में भी अहम योगदान दिया.
7वीं तक 45 फीसदी नंबर
क्या आप सोच सकते हैं कि जो गीता IMF की पहली महिला डिप्टी एमडी बनने जा रही हैं उन्हें कभी 45 पेरसेंट नम्बर आते होंगे. लेकिन ये सच है और ये बात उनके पिता ने खुद एक इंटरव्यू के दौरान कही थी. उनके पिता ने बताया की क्लास 7TH तक गीता के 45% नंबर आते थे लेकिन इसके बाद वो 90 प्रतिशत नंबर लाने लगीं. उन्होंने आगे कहा कि 'मैंने कभी अपने बच्चों पर पढ़ाई के लिए दबाव नहीं डाला और उन पर किसी तरह की पाबंदियां नहीं लगाईं. स्कूल के बाद गीता ने मैसूर में महाराजा पीयू कॉलेज जॉइन किया और साइंस की पढ़ाई की. तब उनके मार्क्स अच्छे थे और वह इंजीनियरिंग या मेडिसिन में जा सकती थीं. लेकिन उन्होंने इकनॉमिक्स में बीए (ऑनर्स) करने का फैसला किया.