पिछले कुछ सालों में दिवाली के मौके पर ऑनलाइन सेल्स का क्रेज काफी तेजी से बढ़ा है. अमेजॉन फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनिया फेस्टिव सीजन पर भारी भरकम डिस्काउंट्स देकर लोगों को खूब लुभाती हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपको ऐसे ऑफर्स देने वाली कंपनियां खुद कितना कमाती है? आज इस वीडियो में हम जानेंगे कि आखिर इन ई-कॉमर्स कंपनियों को दिवाली पर कितना मुनाफा होता है... महामारी का इस पर क्या असर पड़ा...त्योहार से पहले किस तरह से स्ट्रेटजी बनाई जाती है और भारत पर इस ई-कॉमर्स इंडस्ट्री का क्या असर पड़ रहा है?
ई-कॉमर्स कंपनियों को कितना मुनाफा?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में दिवाली के दौरान Amazon, Flipkart, JioMart जैसी ई-कॉमर्स कंपनीज ने 58,000 करोड़ रुपये की सेल की थी. इसमें ज्यादातर बिक्री उस दौरान हुई जब Amazon और Flipkart साल की अपनी सबसे बड़ी सेल चलाते हैं. Market Research के आंकड़ों के अनुसार, ई-कॉमर्स कंपनी जैसे अमेजॉन इंडिया और वॉलमार्ट इस साल दिवाली के दौरान 68,000 करोड़ रुपये की ग्रोस सेल कर सकते है, जो पिछले साल की दिवाली सेल से 42% ज्यादा है. मीशो ने बताया कि इस साल दिवाली सेल से उसने लगभग दोगुना मुनाफा कमाया है. आम तौर पर Amazon और Flipkart दोनों ही हर साल अपने पिछले साल की festive sales से बेहतर परफॉर्म करते हैं.
कोरोना का क्या असर ?
देश में कोरोनावायरस महामारी के आने के बाद से कई ग्राहक अपने घरों से ऑनलाइन शॉपिंग की ओर रुख कर चुके हैं. कई लोगों ने COVID-19 के दौरान अपनी पहली ऑनलाइन खरीदारी की. बिना बाहर निकले घरों पर सामान मिलने की सुविधा के बाद ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज तेजी से बढ़ा. माना जा रहा है कि इस फेस्टिव सीजन में भी लगभग 7 crore 50 lakh ऑनलाइन खरीदार भाग लेंगे, जिनमें से 5 crore टियर-2 शहरों जैसे आगरा, बरेली... और उससे आगे के शहरों से होंगे.
किस तरह बनती है स्ट्रेटजी ?
Flipkart और Amazon की फेस्टिव सीजन सेल पहले 4 या 5 दिनों के लिए होती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है. पिछले साल से, अमेजॉन ने अपने ग्रेट इंडियन फेस्टिवल event को 5 दिन की बजाय एक महीने तक चलाना शुरू कर दिया है. फॉरेस्टर की रीसर्च के मुताबिक इस साल की टॉप केटेगरी होगी स्मार्टफोन्स की. इसके बाद ग्रोसरी भी तेजी से बढ़ने वाली केटेगरी है. तीसरी सबसे बड़ी केटेगरी फैशन के पिछले साल की तुलना में बेहतर परफॉर्म करने की उम्मीद है. 2021 के फेस्टिव सीजन के दौरान कुल बिक्री में फैशन और स्मार्टफोन की हिस्सेदारी 50% होने की उम्मीद है.
इकोनॉमी पर क्या असर ?
ई-कॉमर्स भारतीय इकोनॉमी को बढ़ावा देने वाला उभरता क्षेत्र है. ई-कॉमर्स के चलते भारत में सैकंड़ों रोजगार, एक्सपोर्ट में भारी वृद्धि और $5 trillion economy तक पहुंचने का टारगेट जल्द पूरा होने की उम्मीद है. भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रिटेल मार्केट है जो खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों और टियर 2-3 शहरों में तेजी से बढ़ रहा है. RedSeer की एक रिपोर्ट के मुताबिक Online sales, retail industry का लगभग 3 प्रतिशत है और अब इसके दोगुना होकर 6 प्रतिशत होने की उम्मीद है.