एयर इंडिया की घर वापसी हो चुकी है. इसकी शुरुआत करने वाले टाटा ग्रुप को करीब 69 साल बाद अपनी एयरलाइन वापस मिल चुकी है. टाटा ग्रुप ने सरकार को 18,000 करोड़ रुपए देकर एयर इंडिया को वापस पाया है. बता दें ये एयरलाइन 70 हजार करोड़ के घाटे में चल रही है. ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि टाटा ग्रुप इस एयरलाइन को कैसे बचाएगा. आज नो दिस के इस वीडियो में हम समझने की कोशिश करेंगे कि क्या एयर इंडिया घाटे से उबर पाएगी. साथ ही जानेंगे कि एयरलाइन में कौन कौन से बदलाव करने की तैयारी है. आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
जेआरडी टाटा के हाथों से एयर इंडिया के जाने और रतन टाटा के हाथों में एयर इंडिया की कमान फिर से वापस आने के दौरान एयर इंडिया में काफी बदलाव हो चुके हैं. ऐसे में लाजमी है कि टाटा ग्रुप इसमें अपने मुताबिक कई बदलाव करेगा. खबर है कि एअर इंडिया को टेकओवर करते ही पहले दिन यानि 27 जनवरी से ही टाटा ने इसके ऑपरेशन में बदलाव शुरू कर दिए हैं. टाटा ने मुंबई से कई शहरों की एअर इंडिया की उड़ानों में ''इनहैंस्ड मील सर्विस'' शुरू कर दी है. टाटा इस सर्विस को चरणबद्ध तरीके से और ज्यादा फ्लाइट्स में उपलब्ध कराएगा. संभावना है कि एयरलाइन के फ्लाइट ऑपरेशन्स को भी बेहतर किया जाएगा.
खबर है कि एयर इंडिया के केबिन क्रु और इंटीरियर में भी कई बदलाव नजर आएंगे. टाटा संस ने अपने एक बयान में कहा है कि केबिन क्रु वेल ग्रूम्ड और पहले से ज्यादा स्मार्ट होगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक एयर इंडिया अपने ग्रुप का बॉडी मास इंडेक्स यानि BMI चेक करेगा. इस बात पर खास ध्यान दिया जाएगा कि वो कैसे दिखते हैं, कैसे बात करते हैं. कहा जा रहा है कि यात्रियों को एयर होस्टेस अब गेस्ट कह कर बुलाएंगी. विमान के अंदर रतन टाटा का एक रिकॉर्डेड संदेश सुनाने की भी योजना है.
कुछ महीने बाद किराए से लेकर खाने तक हर चीज के और बेहतर होने की संभावना जताई जा रही है. इसके अलावा एअर इंडिया के विमान के अंदर और बाहर की ब्रांडिंग में भी बदलाव होगा. टाटा के पास एयर इंडिया से पहले एयर एशिया और विस्तारा एयरलाइंस है. माना जा रहा है कि टाटा अपनी तीनों कंपनी को मर्ज करके एक यूनिट बना सकती है. ऐसा करने से उसे अतिरिक्त खर्च में कमी करने के साथ ज्यादा रेवेन्यू कमाने का मौका मिलेगा.
बता दें जेआरडी टाटा ने आजादी से पहले साल 1932 में टाटा एयरलाइंस की शुरुआत की थी. शुरुआत में टाटा एयरलाइंस की फ्लाइट कराची से बॉम्बे के बीच उड़ान भरती थी. टाटा एयरलाइंस की पहली फ्लाइट खुद जेआरडी टाटा ने ही उड़ाई थी. अब टाटा ने एअर इंडिया को 18 हजार करोड़ रुपए में खरीदा है. इसके साथ ही उसे एअर इंडिया का 23 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज भी चुकाना है. इस वक्त टाटा के सामने सबसे बड़ी चुनौती है एअर इंडिया को घाटे से उबारकर मुनाफा कमाने वाली कंपनी बनाना.