सिलेंडर फटने पर कितने मुआवजे का प्रावधान?
LPG यानी Liquified petroleum gas को पेट्रोलियम कंपनियां ग्राहकों के लिए उपलब्ध कराती हैं. जब भी कोई ग्राहक रसोई गैस कनेक्शन लेता है तो पेट्रोलियम कंपनियां ग्राहकों को पर्सनल एक्सीडेंट कवर भी देती हैं. यानि अगर आपके सिलेंडर से गैस लीकेज या ब्लास्ट हो जाता है तो इंश्योरेंस के तौर पर ज्यादा से ज्यादा 50 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद देने का नियम बनाया गया है. आसान शब्दों में कहें तो ये कुछ ऐसे होता है जैसे कि आपको अपनी कार या व्हीकल का इंश्योरेंस मिलता है. यानि ये मुआवजा गैस सिलेंडर फटने से होने वाले नुकसान की भरपाई के रूप में दिया जाता है.
अब यहां ये जानना भी जरूरी है कि ये पैसा पेट्रोलियम कंपनियां अपनी जेब से नहीं देती बल्कि इंश्योरेंस के लिए पेट्रोलियम कंपनियों की कई बीमा कंपनियों के साथ साझेदारी रहती है. ऐसा भी नहीं है कि हर हादसे में 50 लाख रुपये की ही मदद दी जाती है. बल्कि ये क्लेम का मैक्सिमम लिमिट है. यानि पैसा नुकसान के मुताबिक ही मिलता है. चलिए अब आपको बताते हैं कि किन हालातों में मुआवजा कितना मिलता है.
कितने नुकसान का कितना मिलेगा मुआवजा?
हादसे में अगर ग्राहक की प्रॉपर्टी या फिर घर को नुकसान पहुंचता है तो प्रति एक्सीडेंट में 2 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस क्लेम किया जा सकता है. अगर हादसे में खुदा ना खासता किसी की जान चली जाती है तो हर व्यक्ति की मौत के लिए 6 लाख रुपये मुआवजे का प्रावधान है. वहीं अगर कोई घायल हो जाता है तो इलाज के लिए प्रति एक्सीडेंट 30 लाख का मुआवजा मिल सकता है, साथ ही प्रति व्यक्ति 25000 रुपये की तुरंत राहत सहायता भी दी जाती है, यानि कुल मिलाकर 50 लाख रुपये तक का नुकसान कवर किया जाता है.