देश में कोरोना की तीसरी लहर जारी है. दिन ब दिन बढ़ते कोरोना केसेज ने सभी की चिंता बढ़ी दी है. ऐसे में दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना से निपटने का इलाज ढूंढने में लगे हुए हैं. इसी बीच खबर सामने आ रही है कि IIT के वैज्ञानिकों ने हिमालय की वादियों में कोरोना से लड़ने का इलाज ढूंढ लिया है.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी IIT Mandi और इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी यानि ICGEB के शोधकर्ताओं ने अपनी हालिया रिसर्च में दावा किया है कि हिमालय की वादियों में पाए जाने वाले बुरांश के पौधे से कोरोना से संक्रमित मरीजों का इलाज हो सकेगा... आज नो दिस के इस वीडियो में हम आपको इस रिसर्च के बारे में सब कुछ बताएंगे. बुरांश का फूल कोरोना संक्रमण को कैसे रोकेगा, इसके क्या. फायदे हैं और पौधे पर हुई रिसर्च के नतीजे क्या् कहते हैं... इन सभी सवालों के जवाब के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ.
वैज्ञानिकों के मुताबिक बुरांश के फूलों से निकाले जाने वाले अर्क से शरीर में कोरोना वायरस की संख्यां को बढ़ने से रोका जा सकेगा. इसके फूलों की पंखुड़ियों में मौजूद फाइटोकैमिकल नामक पदार्थ कोरोना को मल्टीप्लाई होने से रोकता है. इस केमिकल में कुछ ऐसे एंटी वायरल खूबियां हैं, जिसके चलते वायरस इनके सामने टिक नहीं पाता. रिसर्च में लगे IIT मंडी के प्रोफेसर का कहना है कि बुरांश के पौधों से मिलने वाला केमिकल असरदार साबित होते हैं. नेचुरल होने के कारण इनके जहरीले होने की आशंका भी नहीं रहती.
रिसर्च के दौरान लैब में Vero E6 cells पर experiment किया गया. इन cells का ज्या्दातर इस्तेनमाल बैक्टीरिया और वायरस के संक्रमण की गंभीरता को समझने के लिए किया जाता है. experiment के दौरान इन संक्रमित कोशिकाओं पर फूलों के अर्क का इस्ते माल किया गया और सामने आया कि ये कोविड के संक्रमण को रोकने में मदद करता है.
ICGEB के डॉक्टर बताते हैं कि फाइटोकैमिकल शरीर में दो तरह से काम करते हैं. ये कोरोना में मिलने वाले एक ऐसे एंजाइम से जुड़ जाते हैं, जो वायरस को अपना डुप्लीकेट बनाने में मदद करता है. साथ ही ये हमारे शरीर में मिलने वाले ACE-2 एंजाइम से भी जुड़ जाते हैं. इस जुड़ने की प्रक्रिया की वजह से वायरस हमारी बॉडी के सेल्स को इन्फेक्ट नहीं कर पाता और संक्रमण का खतरा टल जाता है.
बुरांश का पौधा ज्यादातर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और कश्मीर में पाया जाता है. बुरांश उत्तराखंड का राज्य वृक्ष है और इसकी वहां के स्थानीय समुदाय में बेहद मान्यता है. बुरांश के फूलों से तैयार अर्क का इस्तेीमाल कई रोगों में किया जाता है जैसे- हृदय रोग, जुकाम, सिरदर्द, बुखार और मांसपेशियों का दर्द. इसके अलावा इसकी पत्तियों से चटनी भी बनाई जाती है जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है. उम्मीद है कि अब कोविड से लड़ने में भी जल्द इसका इस्तेमाल हो सकेगा.