भारत- पाकिस्तान समेत दक्षिण एशिया के कई देश हीट वेव की चपेट में है... भारत के ज्यादातर राज्यों में पारा 45 डिग्री पार कर चुका है... राजधानी दिल्ली में पारा 44 डिग्री के आस-पास बना हुआ है... मौसम विभाग ने हीट वेव को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है...मौसम वैज्ञानिकों की माने तो आने वाले दिनों में पारा और चढ़ेगा... KNOW THIS के इस वीडियो में हम जानेंगे आखिर मार्च-अप्रैल के महीने में भीषण गर्मी क्यों पड़ रही है... बढ़ते तामपान को लेकर मौसम वैज्ञानिकों ने क्या चेतावनी जारी की है... साथ ही हम जानेंगे, आने वाले दिनों में पारा और कितना चढ़ेगा... तो वीडियो में आखिर तक बने रहिए हमारे साथ...
भारत के ज्यादातर राज्यों में पारा 45 डिग्री पार कर चुका है... लू के थपेड़ों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है... इस साल मार्च के महीने से ही गर्मी ने अपने सख्त तेवर दिखाने शुरु कर दिए थे... और अप्रैल खत्म होते-होते झुलसाने वाली गर्मी पड़ रही है...मौसम वैज्ञानिकों का कहना है ये आफत अभी और ज्यादा बढ़ने वाली है...संभावना जताई जा रही है कि मई-जून में हीट वेव का प्रकोप और बढेगा...स्कॉटलैंड के मौसम वैज्ञानिक स्कॉट डंकन ने ट्वीट कर लिखा... आने वाले दिनों में तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएगा..पाकिस्तान के कुछ इलाकों में पारा 50 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है... डंकन ने अपने ट्विटर अकाउंट में ग्राफिक्स के जरिए इस बात को समझाया है..
डंकन ने बताया है कि 19वीं सदी के बाद भारत-पाकिस्तान और आसपास के इलाकों में मौसम बदला है..यानि जलवायु परिवर्तन हुआ है.. डंकन के इस दावे के पीछे बर्कले अर्थ के आंकड़े हैं... बर्कले अर्थ कैलीफोर्निया स्थित एक इंडिपेंडेंट ऑर्गेनाइजेशन है जो धरती में क्लाइमेट चेंज का अध्ययन करती है और आंकड़े इकट्ठा करती है... मौसम विज्ञानी डंकन ने बताया जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है वैसे-वैसे हीट वेव भी बढ़ने लगती है...साल के ज्यादातर वक्त में इन इलाकों में गर्मी का खतरनाक स्तर रहता है.. बता दें कि विश्व मौसम संगठन के मुताबिक 2021 में जो तापमान रिकॉर्ड किया गया था वो धरती के सबसे गर्म 7 सालों में एक था.. आने वाले सालों में ये किस लेवल तक जाएगा, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता.
इंटर गवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) की रिपोर्ट की मानें तो सन 1850 से 1900 के बीच धरती का औसत तापमान 1.1 डिग्री बढ चुका है... ऐसा ही रहा तो 2040 तक वैश्विक तापमान में 1.5 डिग्री का और इजाफा हो सकता है... IPCC ने संभावना जताई है कि साल 2100 तक धरती का औसत तापमान 2 डिग्री या उससे ज्यादा बढ़ सकता है... और इन सबके पीछे इंसानी गतिविधियां जिम्मेदार हैं... इंसान ही ग्लोबल वार्मिंग के लिए भी जिम्मेदार हैं.. अगर कार्बन उत्सर्जन कम नहीं किया गया तो धरती में मौजूद कई प्रजातियां विलुप्त हो जाएंगी.. खुद इंसान भी इससे बच नहीं पाएगा...धरती की जलवायु हमेशा के लिए बदल जाएगी...
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में बड़े पैमाने पर कटौती भी जाए तब भी धरती के तापमान में इजाफा 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार कर 1.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा. हालांकि बाद में यह 1.5 डिग्री सेल्सियस तक आ सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस या 2 डिग्री सेल्सियस तक की सीमा में रोक पाना मुमकिन नहीं होगा, अगर तत्काल, बड़े पैमाने पर ग्रीन हाउस गैसों में कटौती नहीं की जाती है..