देश में पहली बार निजी कंपनी Indian Airforce के लिए मिलिट्री एयरक्राफ्ट C-295 बनाएगी. रक्षा मंत्रालय ने इसके लिए स्पेन की कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ 20 हजार करोड़ रुपये की मेगा डील की है.
क्या है मेगा डील ?
इस मेगा डील के तहत भारतीय वायुसेना को 56 C-295 medium transport aircraft मिलेंगे, जिसमें से 16 नए विमान, 48 महीने के अंदर स्पेन से भारत आएंगे और बाकी के 40, अगले 10 सालों के अंदर देश में ही तैयार किए जाएंगे. ये नए ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भारतीय वायुसेना के एवरो -748 विमानों की जगह लेंगे. ये अपनी तरह की पहली ऐसी परियोजना होगी जिसके तहत भारत में एक private company, सेना के लिए military aircraft तैयार करेगी.
कौन सी कंपनी करेगी विमानों का मिर्माण?
देश में बनने वाले C-295 विमानों को टाटा ग्रुप की TASL यानि टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड तैयार करेगी. इन मालवाही विमानों को बनाने के लिए टाटा को स्पेन की कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से मदद मिलेगी. जानकारी के मुताबिक, टाटा ग्रुप उत्तर प्रदेश में इसके लिए प्लांट लगाएगा. केंद्र और टाटा ग्रुप में 6 साल पहले ही इस परियोजना पर सहमति बन गई थी. आपको बता दें, टाटा देश की पहली ऐसी निजो कंपनी होगी, जो मेक इन india के तहत सेना के विमान बनाएगी. उद्योगपति रतन टाटा ने खुशी जाहिर करते हुए इसे भारत में aviation और aeronautics परियोजनाओं की शुरुआत करने की दिशा में एक ‘बड़ा कदम’बताया है.
C-295 विमानों की खासियतें ?
C-295 की खासियतों की बाते करें तो
- इसके पिछले हिस्से में रैंप डोर है जिससे सैनिकों, पैरा ट्रूपर्स या सामान को आसानी से एयर-ड्रॉप किया जा सकता है.
- ये विमान पांच से 10 टन भार ढोने में सक्षम हैं.
- सभी विमानों को Electronic Warfare Suite से लैस किया जाएगा.
- ये fully certified है और हर तरह के मौसम या तापमान में दिन-रात नियमित रूप से ऑपरेट किया जा सकता है.
- विमान को हवा में 11 घंटे तक की क्षमता के साथ लंबी तैनाती के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
- ये छोटे रनवे वाले एयरपोर्ट पर भी आसानी से उतर व उड़ान भर सकता है.
परियोजना से क्या फायदा होगा ?
इस प्रोजेक्ट से भारत में एयरोस्पेस क्षेत्र को बढ़ावा तो मिलेगा ही. उम्मीद ये भी जताई जा रही है कि परियोजना से देश में 15,000 direct और 10,000 indirect नौकरियां पैदा होंगी. साथ ही Indian Navy की ताकत में इजाफा होगा. रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि टाटा को मिली इस परियोजना का फायदा स्वदेशी कंपनियों को भी मिलेगा क्योंकि टाटा एयरक्रफ्ट के पार्टस, Device, और बाकी जरूरी सामान स्वदेशी कंपनियों से ही खरीदेगी.