भारत के साथ-साथ आज पूरे विश्व में 8वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। योग अब एक वैश्विक पर्व बन गया है। ये संपूर्ण मानवता के लिए है। इस बार योग दिवस की थीम है 'योगा फॉर ह्यूमैनिटी'। प्रधानमंत्री मोदी ने मैसूर पैलेस में योगाभ्यास किया। उनके साथ कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई और आयुष मंत्री सर्वानंद सोनेवाल भी मौजूद थे। केंद्र सरकार ने योग के महत्व के प्रचार-प्रसार के लिए मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी है। मोदी कैबिनेट में शामिल 75 मंत्रियों ने अलग-अलग जगहों पर सामूहिक रूप से लोगों के साथ योगाभ्यास किया। पीएम मोदी ने योग के महत्व को बताते हुए कहा कि। ‘योग पार्ट ऑफ लाइफ नहीं वे ऑफ लाइफ है। योग से समाज और दुनिया में शांति आ सकती है।’
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमें योग को एक अतिरिक्त काम के तौर पर नहीं लेना है। हमें योग को जानना भी है, जीना भी है, अपनाना भी है, पनपाना भी है। जब हम योग को जिने लगेंगे तब योग दिवस हमारे लिए योग करने का नहीं बल्कि अपने स्वास्थ्य, सुख, और शांति का जश्न मनाने का माध्यम बन जाएगा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में सामूहिक रूप से योगाभ्यास किया। इस दौरान उन्होंने योग के महत्व को बताते हुए कहा, ‘योग हमारी सदियों पुरानी विरासत का एक हिस्सा है। योग मानवता के लिए वरदान है जो हमारे मन, शरीर और आत्मा को संतुलित करता है’
उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ में बाबा रामदेव के साथ हजारों महिलाओं और बच्चों ने योगाभ्यास किया। तो वहीं ऋषिकेश में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने मंत्रियों के साथ योग किया। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यूपी के गौतमबुद्धनगर में लोगों के साथ योगाभ्यास किया।। तो सीएम योगी ने लखनऊ में आयोजित 'योगाभ्यास कार्यक्रम' में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा, हम सब आभारी हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के जिन्होंने भारत की ऋषि परंपरा के इस उपहार को न केवल भारत के अंदर बल्कि दुनिया के अंदर पहुंचाया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवासियों को योगाभ्यास करने के लिए फ्री योगा ट्रेनिंग देने का ऐलान किया है।
इस योग दिवस पर भी पहाड़ की बर्फीली चोटियों पर हिमवीरों का जोश देखने लायक है। हिमवीरों ने 14 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर योगाभ्यास किया। वहीं लद्दाख में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर हिमवीरों ने नंगे बदन योग किया। हाड़ कंपा देने वाली बर्फ भी जवानों का हौसला डिगा नहीं पाई। ITBP के जवानों ने सिक्किम, लद्दाख, असम, उत्तराखंड समेत कई दुर्गम जगहों पर योगाभ्यास कर दुनिया को संदेश दिया कि। हौसला हो तो मुश्किल से मुश्किल चुनौतियां भी आसानी से हल हो जाती हैं।
बता दें कि कोरोना महामारी के वजह से बीते 2 सालों से अंतर्राष्ट्रीय योगा दिवस वर्चुअल रूप से मनाया जा रहा था। लेकिन इस बार जबकि कोरोना संक्रमण कम है तो सामूहिक रूप से योगाभ्यास कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।