प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना दो दिवसीय जर्मनी दौरा ख़त्म कर यूएई के लिए रवाना हो गए। इन दो दिनों में प्रधानमंत्री ने भारतीय समुदाय से मुलाक़ात के साथ-साथ कई राष्ट्राध्यक्षों से बात की। वैश्विक मुद्दों से लेकर द्विपक्षीय संबंधों तक पर चर्चा हुई। आख़िरी दिन प्रधानमंत्री मोदी ने जी-7 समिट में हिस्सा लिया। यहां अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कार्बन उत्सर्जन के लिए दुनिया को आईना दिखाते हुए इस तर्क को सिरे से ख़ारिज कर दिया कि ग़रीब देश पर्यावरण को अधिक नुक़सान पहुंचाते हैं। प्रधानमंत्री ने पर्यावरण सुरक्षा के लिए भारत के बेहतर प्रयासों की उपलब्धियां गिनाते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते तेल की बढ़ती क़ीमतों और उससे अर्थव्यवस्था पर हो रहे असर पर चिंता भी ज़ाहिर की। भारत जी-7 समूह का सदस्य नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी को स्पेशल इनवाइटी के तौर पर बुलाया गया था।
इस बीच म्यूनिख में हुए जी-7 समिट का एक वीडियो तेज़ी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो को भारत के बढ़ते क़द का शानदार नज़ारा बताया जा रहा है। वायरल वीडियो में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने को बेताब दिख रहे हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से बातचीत करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। इसी बीच जो बाइडेन तेज़ कदमों के साथ प्रधानमंत्री मोदी की ओर बढ़ते हैं और पीछे से उनके कंधे पर हाथ रख देते हैं। नरेंद्र मोदी भी तुरंत पीछे मुड़ते हैं और बाइडेन को देख पहले गर्मजोशी से हाथ मिलाते हैं और फिर गले लगा लेते हैं। इस दौरान दूसरे राष्ट्राध्यक्ष भी वहां थे, लेकिन बाइडेन तो बस पीएम मोदी से मिलने को ही बेताब थे।
इस वीडियो को देख पूरी दुनिया हैरान है। सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि ये नए भारत की तस्वीर है जो दुनिया में अपनी धाक जमा चुका है। ये उस भारत की तस्वीर है जो अब अपनी शर्तों पर आगे बढ़ता है। कहा जाता है कि जो बाइडेन प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति के क़ायल हैं। ये वही बाइडेन हैं जिनसे मिलने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहते इमरान ख़ान तरसते रहे। लेकिन मिलना तो दूर बाइडेन ने कभी फ़ोन पर भी उनसे बात नहीं की। वक़्त-वक़्त पर इमरान ख़ान का ये दर्द छलक आता था और कई बार तो उन्होंने भारत-अमेरिका की दोस्ती पर भी अपनी कुंठा ज़ाहिर कर दी थी। जिस अमेरिकी राष्ट्रपति से मिलने के लिए दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्ष महीनों इंतज़ार करते हैं, इमरान ख़ान जैसों को एक फ़ोन कॉल तक नसीब नहीं हो पाती, अगर वो ख़ुद आगे आकर भारत के प्रधानमंत्री से मिलने के लिए बेचैन दिखे तो तमाम भारतवासियों के लिए इससे बड़ा गौरव और क्या हो सकता है। जिस अमेरिकी राष्ट्रपति से मिलने के लिए दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्ष महीनों इंतज़ार करते हैं, अगर वो ख़ुद आगे आकर भारत के प्रधानमंत्री से मिलने के लिए बेचैन दिखे तो तमाम भारतवासियों के लिए इससे बड़ा गौरव और क्या हो सकता है।