भारत विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों को एक साथ लेकर चलने वाला देश है, यहां हर मौसम में कई त्यौहार आते हैं जो मिलने-मिलाने का बेहतरीन अवसर देते हैं..जिनमें होली का त्यौहार सबसे ख़ास है, होली जिंदगी को रंग और उमंग से भर देने का त्योहार है. ये हर धर्म, संप्रदाय व जाति के बंधन के परे जाकर भाईचारे का संदेश देती है.. इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूलकर गले लगते हैं और एक-दूजे को रंगों से रंगते हैं.. तो आज के know this वीडियो में हम आपको होली से जुड़ी मान्यताओं और कुछ रोचक कहानियों के बारे में बताएंगे बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिये हमारे साथ..
दरअसल होली मनाने के पीछे कई प्रकार की मान्यताएं हैं, इन्हीं मान्यताओं के अनुसार, पुराणों में होली की कुछ कहानियों का जिक्र मिलता है.
होली सी जुडी सबसे फेमस कहानियों में से के है प्रह्लाद और होलिका की कहानी
पुराणों के अनुसार प्राचीन समय में हिरण्यकश्यप नामक एक असुर था जो भगवान विष्णु का कट्टर दुश्मन माना जाता था लेकिन उसका खुद का पुत्र प्रह्लाद विष्णु जी का सबसे बड़ा भक्त था. अपने बेटे को अपने विरुद्ध देख हिरण्यकश्यप ने उसे मारने की योजना बनाई। हिरणकश्यप ने अपने बेटे को अपनी बहन होलिका के हाथों आग में जलाना चाहा, लेकिन प्रह्लाद को तो कुछ नहीं हुआ मगर हिरणकश्यप की बहन होलिका जलकर राख हो गई.
इसी तरह राधा-कृष्ण से भी जुड़ी है होली की कहानी,
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण सांवले रंग के थे और उनकी सखा राधा श्वेत वर्ण की थीं जिससे कृष्ण को हमेशा उनसे जलन होती थी और वो इसकी शिकायत अपनी माता यशोदा से करते थे. एक दिन यशोदा ने श्रीकृष्ण को सुझाव दिया कि वो राधा के मुख पर वही रंग लगा दें, जिसकी उन्हें इच्छा हो. बस फिर क्या था कृष्ण ने होली के दिन राधा को अपने मनचाहे रंग में रंग दिया।
इसके अलावा जो होली का शिव-पार्वती से भी है ताल्लुक है पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक पुराणों में इस बात का जिक्र मिलता है कि देवी पार्वती भगवान शिवसे विवाह करना चाहती थीं, मगर भगवान शिव अपनी तपस्या में लीन थे. ऐसे में कामदेव ने पार्वती की सहायता करने के लिए शिव की तपस्या तोड़ दी.
भगवान शिव ने क्रोध में आकर कामदेव को भस्म कर दिया।। फिर जब शिव ने पार्वती को देखा तो उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। वहीं अपने पति की मौत से दुखी कामदेव की पत्नी रति के भगवान शिव से प्रार्थना करने पर प्रभु ने उन्हें जीवित कर दिया, तब से रंगों का त्योहार होली के मनाने का सिलसिला शुरू हुआ..