बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के एक और मामले में सजा सुनाई गई है. लालू प्रसाद यादव को डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी के मामले में पांच साल की सजा सुनाई गई है.. सीबीआई कोर्ट रांची के विशेष जज एसके शशि ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सजा सुनायी. लालू प्रसाद पर 60 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है.. तो आज के know this वीडियो में हम आपको बताएंगे कि आखिर ये चारा घोटाला था क्या? कैसे इस चारा घोटाला में हरियाणा-दिल्ली से 400 सांड स्कूटर पर रांची पहुंचा दिए गए थे? कैसे सैकड़ों टन अनाज मोपेड पर ढोए गए थे? बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ..
चारा घोटाले ने एक वक्त में पूरे देश में सनसनी मचा दी थी. मामला सिर्फ़ पशुओं के चारे का नहीं है. असल में ये सारा घपला बिहार सरकार के ख़ज़ाने से ग़लत ढंग से पैसे निकालने का है. कई सालों में करोड़ों की रक़म पशुपालन विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों ने राजनीतिक मिली-भगत के साथ निकाली.. घपलें की परतें धीरे-धीरे खुलीं तो जांच के बाद पता चला कि ये सिलसिला सालों से चल रहा था. शुरुआत छोटे-मोटे मामलों से हुई लेकिन बात बढ़ते-बढ़ते तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव तक जा पहुंची. मामला एक-दो करोड़ रुपए से शुरू होकर 900 करोड़ रुपए तक जा पहुंचा.. साल 1996 में ये पहली बार बड़ी चर्चा का विषय बना. तब बिहार सरकार ने युवा आइएएस अधिकारी अमित खरे को चाईबासा ज़िले का उपायुक्त बनाकर भेजा. उन्होंने चाईबासा ट्रेजरी में छापा मारकर कई लोगों के ख़िलाफ़ रिपोर्ट दर्ज करायी और ट्रेजरी को सील कर दिया. उसके बाद ये घोटाला पकड़ में आया. तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के आदेश पर कई कोषागारों में छापेमारी की गयी और बिहार पुलिस ने कई रिपोर्टें दर्ज की. हालाँकि बाद में ये मामला सीबीआई को चला गया और तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को भी अभियुक्त बनाया गया. इधर,लालू प्रसाद यादव को इस घोटाले के कारण 25 जुलाई 1997 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा. उसी साल 30 जुलाई को उन्होंने पटना में सरेंडर किया और वे इस घोटाले में पहली बार जेल गए. हाईकोर्ट की निगरानी में हुई जांच के क्रम में एक के बाद एक मामले में वो दोषी ठहराते गये. बता दें कि करीब 950 करोड़ रुपये की इस अनियमितता मामले में जब महाघोटाले की बात सामने आयी थी. तो सभी चौंक गये थे. इस पूरे घोटाले में पशुओं सांढ़ , बछिया समेत कई पशुओं को स्कूटर से हरियाणा से रांची लाने की बात सामने आयी थी.. आलम ये था कि सैकड़ों टन पशु अनाज भी स्कूटर और मोपेड पर ढोये गये थे... दरअसल घोटालेबाजों की ओर से जो डोरंडा ट्रेजरी में अवैध निकासी मामले में 400 सांड हरियाणा और दिल्ली से रांची लाने का लाने का जो बिल दिया था, उस बिल की जांच की गयी, तो वो स्कूटर और मोटरसाईकिल का निकला था।।
और आखिर में ये कि झारखंड में लालू प्रसाद यादव के ख़िलाफ़ पशुपालन घोटाला का ये पांचवा और अंतिम मामला था. इसमें डोरंडा ट्रेजरी से कुल 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के आरोप थे. सीबीआई ने घोटाले को लेकर कुल 66 मामले दर्ज कराए थे. इनमें से छह में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को भी अभियुक्त बनाया गया था.