ओडिशा के बालासोर में इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल MRSAM का रविवार को सफल परीक्षण किया गया. टेस्ट के दौरान इस मिसाइल ने अपने टार्गेट को चंद मिनटों में ध्वस्त कर दिया. यह मध्यम रेंज की मिसाइल है जिसे भारतीय सेना के लिए तैयार किया गया है. आज नो दिस के इस वीडियो में हम आपको mrsam यानि Medium Range Surface to Air Missile के बारे में सब कुछ बताएंगे. जानेंगे इसकी क्या खासियत है और भारतीय सेना में शामिल होने पर ये कितनी मददगार साबित होगी. आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
DRDO के मुताबिक यह मिसाइल 70 किलोमीटर के दायरे में आने वाली किसी भी दुश्मन की मिसाइल या लड़ाकू विमान आदि को मार गिराने में पूरी तरह से सक्षम है. भारत की यह मिसाइल 2,448 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दुश्मन पर हमला कर सकती है. अगर दुश्मन अपने यान में रेडियो फ्रीक्वेंसी का प्रयोग कर रहा है तो यह चकमा देते हुए उसे भी मार गिराएगी. इसलिए यह मिसाइल भारतीय सेना के लिए बेहद अहम है.
इस मिसाइल को DRDO ने इजरायल की कंपनी IAI के साथ मिलकर तैयार किया है. MRSAM का वजन 275 किलोग्राम है. इसकी लंबाई 4.5 मीटर और व्यास 0.45 मीटर है. इस खास मिसाइल पर 60 किलोग्राम तक के हथियार लोड किए जा सकते हैं. यह सेकंड स्टेज की मिसाइल है, जो लॉन्च होने के बाद कम धुआं छोड़ती है. MRSAM मिसाइल रेडियो फ्रिक्वेंसी की पहचान कर सकती है. यानी अगर दुश्मन का यान चकमा देने के लिए सिर्फ रेडियो का उपयोग कर रहा है तो भी यह उसे मार गिराएगी.
MRSAM की खासियत है कि ये जमीन से आसमान तक लम्बी दूरी तक किसी भी दुश्मन के हवाई हमले को नाकाम कर सकता है. यह महज एक वार में ही अपने लक्ष्य को नष्ट कर सकता है. इसमें कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम, रडार सिस्टम, मोबाइल लांचर सिस्टम, एडवांस्ड लांग रेंज रडार, रीलोडर व्हीकल और फील्ड सर्विस व्हीकल आदि शामिल है जो दुश्मन की सटीक जानकारी देता है.
खबर है कि भारत ने इजरायल से MRSAM मिसाइल के पांच रेजीमेंट खरीदने की बात की है. इसमें 40 लॉन्चर्स और 200 मिसाइल आएंगे. बताया जा रहा है कि इस डील की कीमत लगभग 17 हजार करोड़ रुपए है. इन मिसाइलों की तैनाती से भारत को वायु सुरक्षा कवच बनाने में मदद मिलेगी. उम्मीद की जा रही है कि साल 2023 तक इनकी तैनाती कर दी जाएगी. निश्चित है कि इसके शामिल होने से सेना को नई मजबूती मिलेगी.