विधानसभा चुनावों के खत्म होने के साथ ही पेट्रोल और डीजल के दाम तेजी से बढ़ने लगे हैं. मार्च में लगभग 4 महीने बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव देखने को मिला है. इस दौरान पेट्रोल 1.5 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा महंगा हो चुका है. वहीं थोक कीमतों में 25 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है. खबर आ रही है कि PNG और CNG भी महंगी हो गई है. आपको बता दें कि जब भी पेट्रोल-डीजल के लिए पैसे खर्च करते हैं तो उसमें से लगभग आधा पैसा टैक्स के रूप में सरकार की जेब में जाता है. आज नो दिस के इस वीडियो में हम जानने की कोशिश करेंगे कि क्या टैक्स में कटौती कर सरकार आम आदमी को राहत दे सकती है. आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
पिछले 3 सालों में जहां आम आदमी की कमाई घटी है वहीं पेट्रोल-डीजल पर टैक्स से सरकार ने करोड़ों की कमाई की है. अलग अलग राज्यों के हिसाब से टैक्स की कीमत बदलती जाती है. जैसे दिल्ली में अगर आप 100 रुपए का पेट्रोल डलवाते हैं तो इसमें से 45.3 रुपए केंद्र व राज्य सरकार की जेब में जाते हैं. ऐसे ही अगर आप महाराष्ट्र में 100 रुपए का पेट्रोल भरवाते हैं तो इसमें से 52.50 रुपए सरकार के पास जाते हैं. वहीं मध्य प्रदेश में 100 में से 50.6 रुपये टैक्स के रूप में सरकार के पास जाते हैं.
आइए अब आपको समझाते हैं पेट्रोल-डीजल की कीमत का पूरी गणित. मान लीजिए कि दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 95.41 रुपये है. इस पर बेस प्राइस होता है लगभग 48 रुपये. एक्साइज ड्यूटी लगभग 28 रुपये. इसके अलावा 3.7 रुपये डीलर कमीशन, 15.5 रुपये वैट और 0.25 रुपये भाड़ा होता है. इन सबके बाद दाम बेस प्राइस से 2 गुना तक बढ़ जाता है. ऐसे में बिना टैक्स में राहत दिए पेट्रोल के दाम कम कर पाना मुमकिन नहीं है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी की वजह से आम आदमी की आमदनी घटी है. वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाकर खूब कमाई की है. बीते 3 सालों में जहां एक तरफ प्रति व्यक्ति सालाना आय 1.26 लाख रुपए से घटकर 99,155 रुपए पर आ गई है वहीं सरकार की एक्साइज ड्यूटी से कमाई 2,10,282 करोड़ रुपए से बढ़कर 3,71,908 करोड़ पर पहुंच गई है. बीते 3 साल में पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी के जरिए टैक्स लेकर सरकार ने लगभग 8 लाख करोड़ की कमाई की है.
बता दें 2014 में आई मोदी सरकार के कार्यकाल में अब तक 13 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई है. वहीं इस दौरान सिर्फ 4 बार एक्साइज ड्यूटी घटी है. इस दौरान पेट्रोल पर तीन गुना और डीजल पर 6 गुना टैक्स बढ़ा है. 2014 में केंद्र सरकार एक लीटर पेट्रोल पर 10.38 रुपए और डीजल पर 4.52 रुपए टैक्स वसूलती थी. अब एक लीटर पेट्रोल पर 27.90 रुपए और डीजल पर 21.80 रुपए एक्साइज ड्यूटी लगती है. रूस यूक्रेन जंग के चलते भी इंटरनेशनल मार्केट में तेल की कीमते बढ़ने लगी है. आशंका है कि भारत में भी कीमतें बढ़ेगी. देखना होगा कि आम आदमी की जेब पर ये कितना भारी पड़ेगा.