कर्नाटक में मुस्लिम लड़कियों के क्लास में हिजाब पहनने को लेकर शुरू हुआ विवाद थमता नहीं दिख रहा है. मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है. ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर मुस्लिम धर्म में लड़कियों के लिए हिजाब पहनना कितना जरूरी है. आज नो दिस के इस वीडियो में हम आपको हिजाब के बारे में सब कुछ बताएंगे. हिजाब क्या होता है... इसका महत्व क्या है... ये कितना जरूरी है... साथ ही जानेंगे कि हिजाब नकाब, बुर्का, दुपट्टे से किस तरह अलग होता है. आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
हिजाब एक स्कार्फ या कपड़ा है, जो मुस्लिम महिलाओं द्वारा अपने बालों को ढंकने के लिए पहना जाता है. मुस्लिम समुदाय में हिजाब की परंपरा रही है. ऐसा इसलिए ताकि लड़कियां सार्वजनिक जगहों पर अनजान पुरुषों से विनम्रता और गोपनीयता बनाए रखी जा सके. कुरान में हिजाब का ताल्लुक कपड़े के लिए नहीं, बल्कि एक पर्दे के रूप में किया गया है जो औरतों और आदमियों के बीच हो. कुरान में मुसलमान आदमियों और औरतों दोनों को ही शालीन कपड़े पहनने की हिदायत दी गई है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक हिजाब की शुरुआत महिलाओं की जरूरत के आधार पर की गई थी. शुरुआती दौर में तेज धूप, धूल और बारिश से सिर को बचाने के लिए लिनेन के कपड़े को सिर पर बांधा जाता था. फेगेह शिराजी की किताब 'द वेल अनइविल्ड : द हिजाब इन मॉडर्न कल्चर' में लिखा है कि सऊदी अरब में इस्लाम से पहले ही महिलाओं में सिर को ढंकने का चलन आम हो चुका था. इसकी वजह थी वहां की जलवायु. तेज गर्मी से बचने के लिए महिलाएं इसका इस्तेमाल करने लगी थीं. बताया जाता है कि बाद में इसे धर्म से जोड़ा गया. इसे महिलाओं और बच्चियों के लिए पहनना अनिवार्य कर दिया गया और ये धर्म के सम्मान के प्रतीक के तौर पर पहचाना जाने लगा.
धीरे-धीरे हिजाब में कई तरह के बदलाव किए गए. इसे स्टाइलिश बनाया गया. अलग-अलग फैशन डिजाइनर्स ने इसे इतना आकर्षक बना दिया है कि जिन देशों में इसका चलन नहीं भी था, वहां भी महिलाएं इसे खुद को खूबसूरत दिखाने के लिए पहनने लगीं. हिजाब को लेकर पूरी दुनिया में कई धारणाएं हैं. एक तरफ सऊदी अरब, ईरान, इराक में महिलाएं बिना हिजाब पहने घर से निकल नहीं सकती वहीं यूरोप के बहुत से देशों में इसे पहनने पर बैन लगा हुआ है. डेनमार्क में कोई भी महिला अपना पूरा चेहरा ढंककर पब्लिक में नहीं घूम सकती है.
आइए अब जानते है कि बुर्का क्या है...बुर्का एक चोले की तरह होता है, जिसमें महिलाओं का शरीर पूरी तरह से ढका होता है. सिर से लेकर पांव तक पूरा शरीर ढकने का साथ आंखों पर जालीदार पर्दा किया जाता है. इसमें महिला के शरीर का कोई भी अंग दिखाई नहीं देता. कई देशों में इसे अबाया भी कहा जाता है. वहीं नकाब कपड़े का परदा होता है, जो सिर और चेहरे पर लगा होता है. नकाब में आंखें कवर नहीं होती हैं और ये चेहरे पर बंधा होता है. इसके अलावा भी चेहरे या सिर को ढकने के लिए दुपट्टे, अल अमीरा, खैला, खिमर जैसे कपड़ों का इस्तेमाल किया जाता है.