भारत में दुनिया की सबसे बड़ी ‘बाइ-लेन’ सुरंग बनाने की तैयारी जोर शोर से चल रही है. अरुणाचल प्रदेश में बनाई जा रही सेला सुरंग का काम अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है. इस वीडियो में हम आपको सेला सुरंग की खासियत बताएंगे. आपको बताएंगे कि देश की सीमा सुरक्षा के लिहाज से इस सुरंग की क्या अहमियत है... सुरंग कब तक बनकर तैयार होगी... और इससे भारत को क्या फायदा होगा ?
भारत में दुनिया की सबसे बड़ी ‘बाइ-लेन’ सुरंग बनाने की तैयारी जोर शोर से चल रही है. अरुणाचल प्रदेश में बनाई जा रही सेला सुरंग का काम अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है. गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिजिटली विस्फोट कर आखिरी फेज के काम की शुरुआत की. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर अरुणाचल प्रदेश के तवांग के रास्ते चीन सीमा की दूरी 10 किलोमीटर तक कम हो जाएगी. नो दिस के इस वीडियो में हम आपको सेला सुरंग की खासियत बताएंगे. आपको बताएंगे कि देश की सीमा सुरक्षा के लिहाज से इस सुरंग की क्या अहमियत है... सुरंग कब तक बनकर तैयार होगी... और इससे भारत को क्या फायदा होगा... सभी सवालों के जवाब जानने के लिए वीडियो के आखिर तक जुड़े रहिए हमारे साथ.
क्यों खास है सेला टनल?
सेला टनल 13,000 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर बनाई गई दुनिया की सबसे लंबी ‘बाइ-लेन’ सुरंग होगी. टनल बनने के बाद असम के गुवाहाटी से लेकर अरुणाचल प्रदेश के तवांग तक हर मौसम में आवाजाही मुमकिन हो जाएगी. इसे तैयार करने के लिए सेला पास से 4,200 मीटर नीचे सुरंग खोदा जा रहा है. प्रोजेक्ट में दो सुरंग शामिल हैं.. पहली टनल 980 मीटर लंबी होगी, जबकि दूसरी ट्विन ट्यूब टनल 1555 मीटर लंबी होगी. अनुमान है कि इसे बनाने में 687 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
सेला टनल से क्या फायदे होंगे?
इस टनल से न सिर्फ northeast के राज्यों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी, बल्कि चीन बॉर्डर के करीब होने की वजह से यह सामरिक तौर पर काफी अहम माना जा रहा है. सुरंग के बनने से अरुणाचल प्रदेश के तवांग से चाइना बॉर्डर की दूरी 10 किमी कम हो जाएगी. टनल तैयार होने से असम के तेजपुर और तवांग में मौजूद सेना के 4 कोर headquarters के बीच ट्रैवलिंग टाइम भी करीब एक घंटा कम हो जाएगा. यानी जरूरत पड़ने पर तवांग में जल्द से जल्द सैनिकों की तैनाती भी मुमकिन हो जाएगी.
ये सुंरग न केवल अरुणाचल प्रदेश बल्कि पूरे North-East के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. सुरंग के बनने से नेशनल सिक्योरिटी मजबूत होगी और दूर-दराज क्षेत्रों की कनेक्टिविटी बढ़ने से पश्चिम अरुणाचल के लोगों को खास तौर पर आवाजाही में सहूलियत होगी. इसके अलावा टनल के बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा.
कब तक तैयार होगी सेला सुरंग?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2019 को सेला सुरंग की आधारशिला रखी थी. सुरंग का निर्माण उसी साल अप्रैल में शुरू हो गया था. कोरोना प्रतिबंधों और खराब मौसम के बावजूद, पिछले 6-10 महीनों में टनल निर्माण के काम में तेजी आई है. उम्मीद है कि सेला सुरंग अगले साल जुलाई या अगस्त तक बनकर तैयार हो जाएगी.