यूपी में एक बार फिर पूर्ण बहुमत के साथ योगी सरकार की वापसी हो गयी है. उत्तर प्रदेश में बीजेपी को बड़ा बहुमत मिलने के साथ ही कई पुराने रिकॉर्ड भी टूट गए हैं.. 37 सालों के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई पार्टी लगातार दूसरी बार यूपी में सत्ता में आई है. इससे पहले उत्तर प्रदेश में 1985 में आखिरी बार सरकार रिपीट हुई थी. तो आज के know this वीडियो में हम आपको बताएँगे कि आखिर कैसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोबारा वापसी की? वो कौन कौन से रिकॉर्ड हैं जिन्हें योगी आदित्यनाथ ने तोड़ दिया है साथ ही बताएँगे कि आखिर वो क्या मुद्दे रहे जिनके चलते लोगों ने योगी सरकार पर भरोसा जताया है? बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैसे सत्ता में दोबारा वापसी की और कौन कौन से रिकॉर्ड ध्वस्त किए?
ये कहना बिलकुल गलत नहीं होगा कि यूपी के इस चुनाव में मोदी फैक्टर का बहुत बड़ा रोल था यहाँ तक कि इस चुनाव में बीजेपी के चुनाव प्रचार की कमान खुद पीएम मोदी ने संभाली थी. इसी दौरान कोरोना के खिलाफ टीकाकरण की कामयाबी, यूक्रेन से भारतीयों की वापसी और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मोदी की लोकप्रियता ने योगी सरकार की वापसी में बड़ी भूमिका निभाई। पीएम मोदी की लोकप्रियता और सीएम योगी आदित्यनाथ के शासन को लेकर जनता के मन में बनी छवि ने तमाम समीकरणों की धज्जियां उड़ा दीं. इसके अलावा यूपी में मुफ्त राशन की डबल डोज योगी सरकार की वापसी के प्रमुख कारण मानी जा रही है. बात चाहे बेहतर कानून व्यवस्था की हो या प्रदेश की आर्थिक तरक्की की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद को हर लेवल पर साबित किया सीएम योगी ने अपनी सरकार के बनते ही यूपी के तमाम अपराधियों को जेल में डालते हुए कानून व्यवस्था पर सख्ती दिखाई। तमाम अपराधी राज्य छोड़कर भागने को मजबूर हुए. ताबड़तोड़ एनकाउंटर हुए. इसका पार्टी को लाभ मिला।।वहीं यूपी चुनाव में एक बार फिर से हिन्दुत्व का मुद्दा हावी रहा। जनता ने महंगाई और बेरोजगारी को किनारे कर हिन्दुत्व पर एकजुट होकर वोट किया। जिसका सीधा असर नतीजों पर पड़ा। अगर ये कहें कि हिंदुत्व के मुद्दे पर भी योगी आदित्यनाथ फ्रंट फुट पर खेलते नजर आये.. तो गलत नहीं होगा क्योंकि नतीजे सबके सामने हैं..
इन सब के बीच योगी आदित्यनाथ ने कई रिकार्ड्स और मिथकों को भी तोड़ दिया है,
सबसे पहला रिकॉर्ड जिसे मुख्यमंत्री ने ध्वस्त किया वो है लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी.. योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा ने यूपी की सत्ता में लगातार दूसरी बार वापसी की है. बता दें कि 1985 के बाद से यूपी में कोई भी नेता लगातार दो बार मुख्यहमंत्री नहीं बन सका था. ऐसा 1980 के विधानसभा चुनाव में देखने को मिला था जब धमाकेदार जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस ने 1985 के चुनाव में भी जोरदार वापसी की थी. इसके बाद से 37 साल हो गए लेकिन कोई सरकार दोबारा नहीं आई. वहीं सीएम योगी 2022 की इस जीत के साथ ये मिथक तोड़ते नजर आए..
यूपी की सियासत में पिछले तीन दशक से एक और मिथक बना हुआ है वो ये कि जो भी मुख्यमंत्री नोएडा आता है उसकी कुर्सी चली जाती है. दरअसल नोएडा को लेकर ये मिथक 1988 से बना हुआ है, जब पहली बार तत्का लीन सीएम वीर बहादुर सिंह नोएडा आए और अगला चुनाव हार गए. उनके बाद नारायण दत्तक तिवारी सीएम बने और 1989 में नोएडा आए. लेकिन इसके कुछ समय बाद उनकी कुर्सी चली गई.. इसके बाद कल्याएण सिंह और मुलायम सिंह यादव के साथ भी ऐसा ही हुआ कि वे नोएडा आए और सीएम पद चला गया. 2011 में मायावती भी नोएडा आईं और अगले चुनाव में उनकी सरकार चली गई. सीएम रहते हुए अखिलेश यादव कभी नोएडा नहीं आए थे, हालांकि फिर भी वह सरकार रिपीट नहीं कर पाए थे.. लेकिन बुलडोजर वाले बाबा यानी कि योगी आदित्यनाथ सीएम रहते हुए नोएडा आए. नोएडा जाने के बाद न केवल उन्होंने पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा किया, बल्कि उनके नेतृत्व में बीजेपी की लगातार दूसरी बार जीत हुई.
कुलमिलाकर यूपी में एक बार फिर बीजेपी का परचम लहराने लगा है. यूपी की जनता ने इस बात पर मुहर लगा दी है उनके लिए योगी ही उपयोगी हैं.